सावन में हरियाणा के प्रसिद्ध शिव मंदिरों के दर्शन कीजिए और मनोकामनाएं पूरी करवाइए। पंचकूला से लेकर फतेहाबाद तक, जानिए इन प्राचीन मंदिरों का महत्व और विशेषता।
सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बेहद खास होता है। इस पवित्र माह में भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। अगर आप भी सावन में भोलेनाथ के दर्शन की योजना बना रहे हैं और हरियाणा या इसके पास रहते हैं और दर्शन करना चाहते हैं, तो हरियाणा के कुछ प्राचीन और चमत्कारी शिव मंदिरों की यात्रा जरूर करें। यहां दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है।
सावन में करें हरियाणा के इन प्रसिद्ध शिव मंदिरों के दर्शन
1. मनसा देवी मंदिर परिसर का पंचमुखी शिवलिंग – पंचकूला
यह मंदिर सिर्फ देवी मां के लिए नहीं, बल्कि पंचमुखी शिवलिंग के कारण भी प्रसिद्ध है।
सावन में यहां विशेष पूजन और रुद्राभिषेक का आयोजन होता है।
स्थान: पंचकूला
विशेषता: पंचमुखी शिवलिंग, शिव पार्वती की प्राचीन मूर्तियां
2.बाबा केदारनाथ मंदिर – कैथल
इस मंदिर को हरियाणा का "केदारनाथ" कहा जाता है।
यहां सावन में विशाल मेले और कांवड़ यात्रा का आयोजन होता है।
स्थान: कैथल जिला
विशेषता: शिवलिंग की प्राकृतिक स्थापना, ऐतिहासिक महत्व
3. बाबा दुधाधारी महादेव मंदिर – झज्जर
मान्यता है कि यहां जलाभिषेक करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
सावन में यहां हजारों श्रद्धालु जल चढ़ाने आते हैं।
स्थान: झज्जर
विशेषता: प्राकृतिक शिवलिंग, शांत वातावरण
4. भीष्म कुंड और महादेव मंदिर – कुरुक्षेत्र
महाभारत कालीन इस स्थान पर शिवभक्ति और इतिहास का अद्भुत संगम है।
कहा जाता है कि पांडवों ने भी यहां शिव आराधना की थी।
स्थान: नरकटारी, कुरुक्षेत्र
विशेषता: ऐतिहासिक भीष्म कुंड के समीप, गहराई वाला शिवलिंग
5.बाबा मुकुंदनाथ मंदिर – यमुनानगर
यह मंदिर शिव-पार्वती विवाह स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
सावन में यहां कांवड़ लाने वाले भक्तों की लंबी कतार लगती है।
स्थान: यमुनानगर
विशेषता: शिव-पार्वती विवाह स्थल, अद्भुत आस्था का केंद्र
6. बाबा अठगामा महादेव मंदिर – करनाल
यह मंदिर करनाल के सबसे प्राचीन और श्रद्धालुओं के बीच खास माना जाता है।
सावन में यहां विशेष आरती और भंडारे का आयोजन होता है।
स्थान: करनाल
विशेषता: शिवलिंग की अद्भुत आकृति और ग्रामीण आस्था का केंद्र
7.बाबा पिंगलेश्वर महादेव मंदिर – फतेहाबाद
यहां सावन में विशाल शिवरात्रि मेला लगता है।
यह मंदिर त्रेतायुगीन माना जाता है।
स्थान: फतेहाबाद
विशेषता: पुरातात्विक महत्व, शिव बारात की परंपरा