Death Game and film series: स्क्विड गेम जैसी डेथ सीरीज क्यों हो रही हैं इतनी पॉपुलर? जानिए क्यों किरदारों की मौत से दर्शकों को सेटिस्फेक्शन मिलता है।
नेटफ्लिक्स की बेहद पॉपुलर सीरीज स्क्विड गेम को इतना पसंद किया गया कि पूछिए मत। जी हां! एक ऐसा गेम जहां पर लोगों को बिना किसी गुनाह के निर्दयी तरीके से मारा जाता है। गेम में पैसे बढ़ाने के लिए टीम बनाकर खेलने वाले लोग कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हो जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि लोगों को मारने वाली सीरीज हो या फिर कोई गेम, न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर के कई देशों इसे खूब पसंद किया जा रहा है। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिरकार दूसरों को मरता देख लोगों को क्यों इतना मजा आता है? इसके एक नहीं बल्कि कई रीजंस है। आइए समझते हैं कि लोगों के बीच आजकल डेथ गेम्स से लगाकर डेथ वेब सीरीज इतनी पॉपुलर क्यों हो रही है?
किरदारों की मौत से बढ़ता है मजा
डेथ गेम और सीरीज में हीरो की जीत से कहीं ज्यादा इस बात की अहमियत होती है कि कितने किरदारों को मारा गया? जब भी कोई किरदार मरता है तो उससे न सिर्फ हमदर्दी महसूस होती है बल्कि इस बात की खुशी भी होती है कि गेम आगे ज्यादा दिलचस्प होगा। असली अट्रैक्शन मौत से जुड़ा है न कि किसी किसी किरदार के बचने से। ये कोई मनोरोग नहीं है न ही किसी तरह की मानसिक विकृति। असर जिंदगी में जब कोई परेशान इंसान इस तरह के गेम्स या सीरीज देखता है तो लोगों को मरता देख उसे अजीब सा सेटिस्फेक्शन मिलता है। ये मन में रह गई कोई फ्रस्टेशन होती है जो किसी की मौत पर निकलती है। हालांकि मन में ये जरूर रहता है कि सब कुछ असली नहीं है। तो आप इस फीलिंग को सामान्य कह सकते हैं।
डेथ गेम्स या सीरीज देखना कितना है सही?
स्क्विड गेम जैसे शोज देखकर मन अंदर तक हिल जाता है। गेम में जिस तरह से लोगों का मरना दिखाया जाता है वो बेहद असली लगता है। ऐसे शोज देखते ही दिल मानों धड़क उठता है और मन में असुरक्षा की भावना भी पैदा नहीं होती क्योंकि हमें अंदर से पता होता है कि सब कुछ काल्पनिक है। बेतुका गेम हताश लोगों को क्रूर फैसले लेने पर मजबूर करता दिखाता है। लोगों को ऐसे शो और गेम कुछ पलों के लिए रीयल लगते हैं जो कि पसंद आने की मुख्य वजह है। ऐसे गेम्स या शो से बच्चों को दूर रखना बेहद जरूरी है। अगर आप डिप्रेशन में रहते हैं तो ऐसे गेम्स या शो से जरूर दूरी बनाकर रखें।