Shefali Jariwala And Parag Tyagi Relationship:शेफाली जरीवाला अब इस दुनिया में नहीं रहीं। अपने पार्टनर पराग त्यागी को तन्हा कर वो चली गई। 'कांटा लगा गर्ल' ने रिश्ते में बहुत उतार-चढ़ाव देखें, लेकिन उनके पति पराग त्यागी हर मौके पर साथ खड़े रहें।
Shefali Jariwala and parag Tyagi Love Story:'कांटा लगा' से रातों-रात स्टार बनीं शेफाली जरीवाला की जिंदगी सिर्फ ग्लैमर और स्टाइल तक सीमित नहीं थी। उनके जीवन में ऐसा दौर भी आया जब उन्होंने डीप मेंटल पेन, अपमान और अकेलेपन को झेला। लेकिन उनके जिंदगी में जब पराग त्यागी आए तो उनकी पूरी दुनिया बदल गई। शेफाली अब इस दुनिया में नहीं हैं। 42 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। लेकिन उनकी जिंदगी की हर तस्वीर लोगों के जहन में है।
शेफाली ने साल 2004 में म्यूजिक कंपोजर हरमीत सिंह (Meet Bros) से शादी की थी। शुरुआत में सब कुछ ठीक लग रहा था, लेकिन समय के साथ रिश्ते में दरारें आने लगीं। 2009 में उन्होंने तलाक के लिए अर्जी दी और अपने पति पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि हर हिंसा फिजिकल नहीं होती है। मानसिक हिंसा भी बहुत दर्द देती है। जब आप एक ऐसे रिश्ते में हों जहां आपकी कद्र नहीं हो रही, तो उससे बाहर आना जरूरी हो जाता है।
तलाक से टूट गई थी और प्यार से उठ गया था भरोसा
शेफाली ने एक इंटरव्यू में जिक्र किया था कि तलाक के बाद वो प्यार से दूर रहना चाहती थीं। लेकिन पराग त्यागी से मिलने के बाद उनके विचार बदल गए। जिंदगी से नई उम्मीदें जगी। एक कॉमन फ्रेंड के जरिए मिले दोनों के बीच धीरे-धीरे नज़दीकियां बढ़ीं और प्यार ने फिर दस्तक दी। 2012 में 'नच बलिए 5' में एक साथ हिस्सा लेकर दोनों ने अपने रिश्ते को सबके सामने लाया। और 2014 में उन्होंने कोर्ट मैरिज की।
कई मायनों में हम अलग पर एक दूसरे को करते हैं बैलेंस
शेफाली ने बताया था कि पराग और मैं कई मायनों में अलग हैं लेकिन हम एक-दूसरे को बैलेंस करते हैं। शायद यही वजह है कि हमारा रिश्ता इतने सालों से मजबूत बना हुआ है।' वाकई एक गृहस्थी तभी चलती है जब पार्टनर एक दूसरे को सपोर्ट करें उन्हें एक दूसरे को करेक्ट करते रहें।
मिर्गी जैसे गंभीर बीमारी में भी संभाला
शेफाली बचपन से ही मिर्गी के दौरे से जूझ रही थी। उन्हें डिप्रेशन और एंग्जायटी भी थीं। लेकिन पराग एक पति के साथ-साथ दोस्त और मेंटर की भूमिका निभाई। वो उनके इमोशनल सहारा भी बनें। शेफाली ने कहा था कि पराग का अनकंडीशनल सपोर्ट ही था जिसने उन्हें दवाओं के बिना ठीक होने की दिशा में बढ़ने का साहस दिया।
सच्चा रिश्ता वहीं जो हर मुश्किल वक्त में साथ हो
सच्चा रिश्ता वो होता है जो बीमारी, दुख और अकेलेपन में भी मजबूत खड़ा रहे। पराग और शेफाली का रिश्ता ऐसी ही एक मिसाल बन गया, जो आज भी प्रेम और समर्पण की परिभाषा बदल रहा है। आज भले ही शेफाली हमारे बीच नहीं रहीं, लेकिन उनके जीवन की यह प्रेम कहानी, उनकी यादों में हमेशा जिंदा रहेगी।