सार

Parenting Tips: किशोरावस्था में बच्चों को सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। खुलकर बातचीत, प्यार और समझदारी से आप उनके साथ मजबूत रिश्ता बना सकते हैं और उन्हें सही-गलत का फर्क समझा सकते हैं।

Parenting Tips For Teenage Child: टीनएज एक ऐसी उम्र होती है जिसमें आप कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों से जूझते हैं। इस उम्र के बच्चे अपना सामाजिक दायरा भी बढ़ाते हैं, जिसकी वजह से वो अपने आस-पास की चीजों को बहुत करीब से देखने और समझने लगते हैं। लेकिन मानसिक विकास पूरी तरह से न होने की वजह से वो अक्सर चीजों में उलझे रहते हैं। यही वजह है कि वो हमेशा ऐसे पार्टनर की तलाश में रहते हैं जो हर परिस्थिति में उनका साथ दे सके। लेकिन अक्सर इस मुश्किल वक्त में बच्चा खुद को बहुत अकेला पाता है। आज हम आपको टीनएज बच्चों की पेरेंटिंग के लिए कुछ बेहतरीन टिप्स देने जा रहे हैं।

खुलकर बात करें (Talk openly)

किशोरावस्था में अक्सर बच्चों के मन में ऐसे सवाल आते हैं, जिन्हें सुनकर माता-पिता अक्सर अनदेखा कर देते हैं या बुरा रवैया अपना लेते हैं। ऐसे में बच्चे अपने माता-पिता से खुलकर बात नहीं कर पाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप बच्चों के साथ अपने रिश्ते को बहुत सौम्य बनाए रखें और उनसे खुलकर बात करें।

डांटने की गलती न करें (Don't make the mistake of scolding)

माता-पिता को कभी भी अपने टीनएज बच्चों को डांटने की गलती नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना आपकी पेरेंटिंग के लिए बहुत बुरा साबित हो सकता है। इस उम्र के बच्चे अक्सर उलझन, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं, जिन्हें प्यार की जरूरत होती है न कि डांट की।

सही और गलत को समझना (Understanding right and wrong)

टीनएज में बच्चों को सही और गलत का चुनाव करने की समझ बहुत कम होती है। यही वजह है कि वो अक्सर गलत संगत का शिकार हो जाते हैं, ऐसे में अगर आप अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करना चाहते हैं तो उन्हें उदाहरणों के जरिए सही और गलत का फैसला करवाएं। इसके अलावा उन्हें कुछ फैसले खुद लेने की आजादी भी दें।