Lataa Saberwal Divorce: 'ये रिश्ता क्या कहलाता' की एक्ट्रेस लता सभरवाल अपने पति संजीव सेठ से अलग हो गई है। 15 साल की शादी का अंत कपल ने कर दिया। सवाल है कि आखिर क्यों प्यार से भरी शादी टूट जाती है।
Lataa Saberwal Divorce: 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' में संस्कारी बहू और मां का किरदार निभाकर लोगों के दिलों में खास पहचान बनाने वाली लता सभरवाल अब अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने हाल ही में घोषणा की कि वो अपने पति संजीव सेठ (sanjeev seth) से अब अलग हो चुकी हैं। जिस रिश्ते को वो सीरियल में मजबूती से बनाए रखने के लिए जानी गईं, रियल लाइफ में उसे निभा नहीं पाईं। 15 साल की शादी का अंत हो गया।
रिश्तों का सच: क्या प्यार हमेशा साथ चल पाता है?
लता सभरवाल और संजीव सेठ की मुलाकात एक टीवी शो के सेट पर हुई थी। वहीं से शुरू हुई दोस्ती ने शादी का रूप लिया, और फिर दोनों ने मिलकर अपने बेटे को पाला। यह कपल टीवी इंडस्ट्री में आदर्श कपल माने जाते थे। इनके जीवन में भी उतार-चढ़ाव आए, मजबूती से दोनों साथ खड़े रहे। लेकिन कई बार रिश्ते में प्यार होते हुए भी अलग होने जैसा सिचुएशन बन जाता है।लता ने सोशल मीडिया पर यह स्पष्ट किया कि अब वे और संजीव पति-पत्नी के रूप में साथ नहीं हैं। हालांकि उन्होंने अपने बेटे की परवरिश के लिए एक-दूसरे के प्रति सम्मान बनाए रखा है।
लता सभरवाल का ऐलान
लता का बयान, 'एक लंबी चुप्पी के बाद... मैं ऐलान करती हूं कि मैं (लता सबरवाल) अपने पति (संजीव सेठ) से अलग हो चुकी हूं। मुझे एक प्यारा सा बेटा देने के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करती हूं। मैं उन्हें आगे की जीवन के लिए शुभकामनाएं देती हूं। मेरे और मेरे परिवार की शांति का सम्मान किया जाए और इस बारे में कोई सवाल न पूछें या फोन करें।'
जब साथ न चल पाए तो अलग होना भी रिश्ते की गरिमा है
कई बार रिश्ते में सम्मान और शांति बनाए रखने के लिए अलग होना ही सबसे अच्छा ऑप्शन होता है। अलगाव का मतलब हमेशा कड़वाहट नहीं होता, बल्कि यह भी एक मेच्योर फैसला हो सकता है जब दो लोग समझ जाते हैं कि उनका साथ अब एक-दूसरे को खुशी नहीं दे रहा।
रिश्तों में दूरी क्यों आती है?
बातचीत की कमी
समय के साथ प्रॉयरिटी बदलती जाती है
एक दूसरे से इमोशनल दूरी
हम की जगह मैं हावी होने लगता है
सामंजस्य की कमी
क्या सच्चा प्यार भी टूट सकता है?
सच्चा प्यार कभी खत्म नहीं होता, लेकिन रिश्ते का स्वरूप बदल सकता है। लोग अलग होकर भी एक-दूसरे के लिए दुआ कर सकते हैं, और यही सबसे बड़ा सम्मान है किसी बीते हुए रिश्ते के लिए। अगर कपल अपनी शादी को एन्जॉय नहीं कर रहे हैं और रिश्ता घुटन भरा लग रहा है तो फिर राहें अलग करने के फैसले पर सवाल नहीं होना चाहिए।