सार

india pakistan marriage citizenship: पहलगाम हमले के बाद जो सबसे ज्यादा दर्द में है वो पाकिस्तान और इंडिया के कपल जिन्हें एक दूसरे का साथ छोड़ना पड़ रहा है। आइए जानते हैं भारतीय और पाकिस्तानी नागरिक के बीच शादी के नियम क्या हैं।

 

india pakistan marriage citizenship: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिक को जाने के लिए बोल दिया है। वहीं पाकिस्तान से भी हिंदुस्तानी लौट रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच जिनके लिए सबसे ज्यादा मुश्किल आ रही है वो कपल है जिन्होंने सरहद की दीवार नहीं मानी और प्यार कर बैठे। शादी भी कर लीं। लेकिन इस लड़ाई में दोनों अपने-अपने देश में फंसकर रह गए हैं। हालांकि अगर कानूनी दस्तावेज ठीक है तो फिर इनका मिलना तय है। आइए जानते हैं दो देशों के नागरिकों के बीच शादी से जुड़े नियम क्या है।

भारत और पाकिस्तान दुश्मन मुल्क है लेकिन बावजूद प्यार यहां परवान चढ़ते रहते हैं। हालांकि दो देशों के नागरिकों के बीच शादी केवल प्यार तक सीमित नहीं रहता है। इसमें कड़े कानूनी, वीज़ा और नागरिकता से जुड़े नियम भी शामिल होते हैं। अगर पाकिस्तान का कोई महिला या पुरूष भारतीय से शादी करने जा रहा है तो तो पहले अपने देश की एंबेसी से ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लाना होता है। अगर विदेशी तलाकशुदा है तो पिछली शादी की डाइवोर्स की डिग्री भी पेश करना जरूरी है।

शादी के रजिस्‍ट्रेशन के लिए दस्‍तावेज

अगर कोई पाकिस्तानी हिंदू धर्म की रीति-रिवाजों से शादी करता है तो उसे बाद में हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के तहत शादी रजिस्टर करानी होती है। कोई मुस्लिम अगर हिंदी मैरिज एक्ट में शादी रजिस्टर करना चाहता है तो फिर धर्म परिवर्तन कराके करा सकता है। इस एक्ट के तहत शादी करने के लिए लड़के की उम्र कम से कम 21 और लड़की की 18 साल होनी चाहिए।

रजिस्ट्रशन के लिए किन चीजों की पड़ती है जरूरत

शादी का रजिस्ट्रशन कराने के लिए लड़का और लड़की को आवेदन करना होता है। इसमें दोनों को अपना जन्म प्रमाणपत्र, 2 पासपोर्ट साइज फोटो देना होता है। इसके अलावा शादी का निमंत्रण पत्र जमा करना होता है। अगर तलाकशुदा है तो फिर डिवोर्स की डिग्री की प्रति जमा करानी होती है। विधवा या विधुर हैं तो पार्टनर का डेथ सर्टिफिकेट लगाना होता है।

विदेशी पार्टनर से शादी का रजिस्‍ट्रेशन कैसे

अगर कोर्ट मैरेज करना होता है तो पहले मैरिज रजिस्ट्रार को नोटिस भेजना होता है और शादी की इच्छा जतानी होती है। नोटिस को 30 दिन के लिए मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में प्रकाशित किया जाता है। अगर नोटिस पर किसी फैमिली को आपत्ति नहीं होती है तो फिर वो कोर्ट मैरेज कर सकते हैं।इसके बाद सभी गवाहों के हस्‍ताक्षर वाला मैरिज सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। विदेशी नागरिक को अपना पासपोर्ट, बर्थ सर्टिफिकेट जमा करने होते हैं। इसके साथ ही भारत में 30 दिन से ज्यादा रहने का प्रूफ भी जमा करने पड़ते हैं।

पाकिस्तान में क्या है नियम

वैसे पाकिस्तान भी पुरूष किसी विदेशी महिला से शादी कर सकते हैं। नागरिकता अधिनियम, 1951 के तहत अगर कोई पुरूष शादी करता है तो महिला को नागरिकता मिल जाती है। वहीं, पाकिस्तानी महिला को किसी विदेशी पुरूष से शादी करने का अधिकार नहीं दिया गया है।