तिल-तिल मरेगा पाकिस्तान! भारत से पंगा पड़ रहा महंगा
Pakistan Crisis : भारत से पंगा लेना पाकिस्तान के लिए भारी पड़ रहा है। पहले से ही कर्ज और महंगाई के बोझ तले दबा पड़ोसी मुल्क अब भारत के कड़े एक्शन से मुश्किलों में फंसता जा रहा है। हर दिन बढ़ती महंगाई, फूड संकट, आर्थिक दबाव उसका दर्द बढ़ा रहे हैं...
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भारत के कड़े एक्शन से पाकिस्तान पस्त
पहले से ही कर्ज और महंगाई के बोझ तले दबे पाकिस्तान के लिए पहलगाम आतंकी हमला महंगा पड़ रहा है। भारत के कड़े एक्शन से उसकी हालत पस्त होती जा रही है। भारत ने सिंधु जल रोकने समेत कई ऐसे फैसले लिए हैं, जो पाकिस्तान को भारी आर्थिक संकट की ओर धकेल रहे हैं, उसकी अर्थव्यवस्था पर काफी ज्यादा दबाव बढ़ गया है, वो बेहद बुरे दौर में जा सकती है।
पाकिस्तान में भूखमरी का संकट
वर्ल्ड बैंक ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की। जिसमें बताया गया कि इस वित्त वर्ष में पाकिस्तान में करीब एक करोड़ लोगों के आगे भूखमरी का संकट पैदा हो जाएगा। उसकी मुद्रास्फीति (Inflation) भी बढ़ सकती है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के अनुसार, जून 2025 को समाप्त हो रहे फाइनेंशियल ईयर में औसत मुद्रास्फीति 5.5-7.5% तक रह सकती है।
पाकिस्तान में महंगाई कितनी है
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में खाने-पीने के दाम आसमान पर हैं। दूध, सब्जियां, फल, आटा-चावल जैसी रोजमर्रा की चीजें काफी महंगी हैं। एक किलो चावल करीब 340 रुपए में मिल रहा है। इतना ही नहीं चिकन का रेट भी 800 रुपए के करीब पहुंच गया है। भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार ठप होने से उसकी आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा चरमराने लगी है, जो आगे खतरनाक हो सकती है।
भारत से पाकिस्तान क्या-क्या जाता है
भारत से पाकिस्तान रसायन, फल-सब्जियां, दवाईयां, मुर्गी पालन फीड और ड्राई फ्रूट्स हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार पर ब्रेक लगने से पाकिस्तान में इन चीजों की भारी कमी हो सकती है, जिसका सीधा असर वहां के आम लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा।
पाकिस्तान ने क्या गलती की
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार बैठा है। उसके फैसलों ने ही अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाया है। अब पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने एयरस्पेस बंद कर दिए हैं, जिससे उसकी करोड़ों डॉलर की कमाई रूक गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2019 में पुलवामा अटैक के बाद भी पाकिस्तान ने ऐसा ही किया था, तब उसे करीब 100 मिलियन डॉ़लर का नुकसान हुआ था। तब हर दिन करीब 400 उड़ानों पर असर पड़ा था।