Parenting Tips: बच्चों के सफल विकास में सामाजिक कौशल (Social Skills) एक अहम रोल निभाते हैं। मजबूत सामाजिक क्षमता से बच्चे आत्मविश्वासी बनते हैं और पॉजिटिव संबंध बनाना सीखते हैं।
Parenting Tips: ज्यादातर बच्चों दूसरे लोगों से मिलने में शरमाते हैं। वो सोशली इंवॉल्व नहीं हो पाते हैं। जिसकी वजह से उनके डेवलपमेंट पर भी असर पड़ता है। सोशल स्किल्स हर बच्चे के लिए जरूरी है। जो बच्चे किसी से भी बिना झिझक बात कर लेते हैं उनके पर्सनल लाइफ के साथ-साथ एजुकेशन में भी मदद मिलती है।
सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे क्लास में अच्छा परफॉर्म करें, मॉनीटर बनें। वो उसे लीडिंग रोल्स में देखना चाहते हैं। लेकिन जब वो दूसरे से बात करने में शर्माते हैं, तो फिर माता-पिता परेशान हो जाते हैं। उन्हें बच्चे के भविष्य की चिंता सताने लगती है। लेकिन बच्चे को सही तरीके से समझाया जाए तो उनके अंदर की झिझक धीरे-धीरे दूर होने लगती है। आइए जानते बैं कैसे अपने बच्चों के अंदर सोशल स्किल्स को डेवलप कर सकते हैं।
क्यों शर्माते हैं बच्चे (Why are children introverts)
इमोशनल रूप से सेंसिटिव और आसानी से डरने वाले बच्चें धीरे-धीरे शर्मीले होने लगते हैं। इसके साथ ही बच्चे अपने माता-पिता की एक्टिविटी से भी सीखते हैं। अगर पैरेंट्स थोड़ा शर्मिला व्यवहार करते हैं तो बच्चे इसे सीखने लगते हैं। धीरे-धीरे उनके अंदर ये गुण विकसित होने लगते हैं।
बच्चे को कैसे बनाएं सोशल स्टार
पैरेंट्स को सबसे पहले यह समझाना चाहिए कि इंट्रोवर्ट होना बुरा नहीं हैं। इसलिए सबसे पहले अपने बच्चे को यह बार-बार नहीं कहें कि आप बहुत शर्माते हैं, बात नहीं कर पाते हैं तो इससे बच्चे का कॉफिडेंस डाउन हो जाएगा। इसलिए बच्चे को उसकी कमजोरी बार-बार इंगित नहीं करें।
गेस्ट से मिलने के लिए तैयार करें
अगर घर पर मेहमान आने वाले हैं तो बच्चे को पहले से ही तैयार करें। उन्हें बताएं कि उनका स्वागत कैसे करना है। उन्हें नमस्ते करना सिखाएं। दरअसल शर्माने वाले बच्चे को अक्सर समझ नहीं आता है कि जब कोई सामने आ जाए तो क्या करना है। इसलिए पहले से उन्हें बताएं कि कोई सामने आ जाते तो उनका वेलकम करने के लिए सबसे पहले नमस्ते या हलो कहते हैं। इसके बाद उन्हें बैठने के लिए कहते हैं। बच्चों से ही मेहमान के लिए नाश्ता सर्व कराएं।
बच्चे को सुनाएं डेली रुटीन
पैरेंट्स अपने बच्चे को डेली रुटीन की कहानियां बताएं जो उनके अंदर की झिझक को दूर कर सकें। मसलन ऑफिस में आपने क्या काम किया, मुश्किल सिचुएशन को कैसे हैंडल किया। इससे बच्चे के अंदर एक छवि बनती है और फिर वो धीरे-धीरे सोचते हैं कि अगर उनके माता-पिता लोगों के सामने खुलकर बात करते हैं तो मैं क्यों नहीं। आपकी बातों से बच्चा इंस्पायर होता है।
बच्चों के साथ रोल प्ले
आप अपने बच्चे के साथ रोल प्ले का गेम खेल सकते हैं। आप स्कूल जैसा माहौल घर पर बनाएं। टीचर बनें और आपका बच्चा स्टूडेंट। आप बच्चे के साथ इंट्रैक्ट करें। बच्चे के अंदर धीरे-धीरे कॉन्फिडेंस बढ़ता जाता है। इसके बाद बच्चे को टीचर बनाएं और खुद स्टूडेंट इससे बच्चे के अंदर नेतृत्व का गुण आता है।
बच्चों को खेलने के लिए प्रेरित करें
आप अपने बच्चे के हम उम्र बच्चों को घर बुलाएं। उनके साथ बातचीत और खेलने के लिए प्रेरित करें। इससे बच्चे के अंदर कम्यूनिकेशन स्किल्स बेहतर होती है। आप अपने बच्चे को गार्डन जरूर लेकर जाएं और उन्हें दूसरे बच्चों के साथ खेलने के लिए प्रेरित करें।