Dia mirza Bonding with Stepmother: सौतेली मां की एक अलग ही तस्वीर हम सबके मन में हैं। लेकिन दीया मिर्जा उस खराब तस्वीर को बदलती नजर आती हैं। वो बताती है कि सौतेली होने के बाद भी उनकी बॉन्डिंग उनकी बेटी के साथ बहुत मजबूत है।
Dia mirza Bonding with Stepmother: हमारे समाज में 'सौतेली मां' शब्द निगेटिव छवि के साथ जुड़ा होता है। फिल्मों ,सीरियल या फिर कहानियों में सौतेली मां को अक्सर कठोर और ईर्ष्यालु महिला के रूप में दिखाया जाता है। कई बार हमारे समाज भी कुछ सौतेली मां का स्वभाव ऐसा ही होता है। लेकिन दीया मिर्जा जैसी महिलाएं इस छवि को पूरी तरह बदल देती हैं। बी-टाउन की खूबसूरत हीरोइन में शुमार दिया मिर्जा का उनकी सौतेली बेटी के साथ बहुत ही खूबसूरत बॉन्डिंग हैं।
द ऑफिशियल पीपल ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में दीया मिर्जा सौतेले शब्द को लेकर खुलकर बात कीं। सबसे पहले तो बताया कि उनकी सौतेली बेटी सगी से भी बढ़कर है। उनके साथ उनकी बॉन्डिंग गहरी है। अदाकारा ने बताया कि उनकी सौतेली बेटी समायरा में फोन में उनका नंबर 'अभी तक दुष्ट सौतेली मां नहीं' नाम से सेव कर रखा था। यह एक मजाकिया लेकिन प्यार भरा इशारा है, जो यह दिखाता है कि दीया और समायरा के रिश्ते में गहरा अपनापन और समझ है। बता दें कि दीया मिर्जा ने 2021 में वैभव रेखी से दूसरी शादी की थी। शादी के बाद वह समायरा की सौतेली मां बनीं।
‘शुक्र है कि मैंने फेयरी टेल्स नहीं पढ़ीं’
इसके साथ ही दीया ने अपने सौतेले पिता के बारे में भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि 'भगवान का शुक्र है कि बचपन में मैंने फेयरी टेल्स नहीं पढ़ीं। क्योंकि उनसे पूर्वाग्रहों का एक अलग ही सेट पैदा होता। इन फेयरी टेल में सौतेले पिता, सौतेली मां हमेशा बुरे होते हैं। परी कथाओं में ऐसा होता है, है ना।' उन्होंने कहा कि मेरी मां दीपा अहमद मिर्जा ने तब दूसरी शादी की थी जब वो 6 साल की थी।
'सौतेले अब्बा से प्यार मिला'
उन्होंने कहा कि 'जब अब्बा और मां की शादी हुई तो मैंने उन्हें अब्बा कहना शुरू कर दिया। अपने छोटे से दिमाग में मैं उन्हें अपना चुकी थी। समय के साथ-साथ मेरे परिवार ने धीरे-धीरे मेरी खुलने में मदद की। वो मानते थे। वो कहती है कि साल 2003 का वक्त कभी नहीं भूल पाऊंगी, जब उन्होंने मुझे गले लगाया और अलविदा कहते समय उनकी आंखों में आंसू थे।' क्योंकि वो मूवी शूटिंग के लिए विदेश जा रही थी। इसी जर्नी के दौरान उनके सौतेल पिता का निधन हो गया था।
एक प्रेरणा, एक उदाहरण
दीया मिर्जा और समायरा रेखी की कहानी यह बताती है कि रिश्तों की खूबसूरती आपसी समझ, बातचीत और सच्चे प्यार में छुपी होती है। सौतेला होना गलत नहीं हैं, बल्कि उसे अपना समझना जरूरी है। एक्ट्रेस ने कभी भी इस रिश्ते को बोझ या जिम्मेदारी नहीं माना, बल्कि इसे एक नए रिश्ते का खूबसूरत अवसर समझा।