सार
7-7-7 Rule of Parenting: बदलते दौर में बच्चों की परवरिश मुश्किल हो रही है। 7-7-7 फॉर्मूला वर्किंग पेरेंट्स के लिए मददगार है, जिसमें दिन में तीन बार 7 मिनट बच्चे के साथ बिताने होते हैं।
Parenting Tips: बदलते दौर में बच्चों की सही तरीके से परवरिश करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। खासकर, जेन जेड और अल्फा जनरेशन के बच्चों को संभालना आसान नहीं है। ये बच्चे टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की दुनिया में बड़े हो रहे हैं। जहां हर तरह का ज्ञान तो है लेकिन क्या सही है और क्या गलत, ये बताने वाला कोई नहीं है। जबकि पहले बड़े परिवार हुआ करते थे, जिसमें बच्चे दादा-दादी और चाची-चाचाओं के बीच बड़े होते थे। हर कोई बच्चे को कुछ न कुछ सिखाता रहता था। बच्चों ने कब ज्ञान और उपयोगी चीजें सीख लीं, पता ही नहीं चला। लेकिन अब बड़े शहरों में सिंगल फैमिली का चलन तेजी से बढ़ रहा है। बच्चों के माता-पिता दोनों ही जॉब करते हैं। ऐसे माता-पिता बच्चों को डे केयर में या नैनी के पास रखते हैं। जहां बच्चों को न तो अपनों का प्यार मिलता है और न ही अच्छे संस्कार। ऐसे में पेरेंटिंग का नया 7-7-7 फॉर्मूला वर्किंग पेरेंट्स के लिए काफी अच्छा साबित हो रहा है। जानते हैं इसमें क्या करें?
पेरेंटिंग का 7-7-7 नियम बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में मदद करता है। इससे बच्चों और माता-पिता के बीच अच्छी बॉन्डिंग बनती है और बच्चे के साथ आपका रिश्ता मजबूत होता है। पेरेंटिंग के 7-7-7 नियम के अनुसार आपको दिन में तीन बार बच्चे के साथ 7-7 मिनट बिताना होता है।
पेरेंटिंग का 7-7-7 नियम क्या है?
सुबह के 7 मिनट- बच्चे के साथ पेरेंट्स को सुबह 7 मिनट बिताने हैं। ये 7 मिनट पूरे दिन बच्चे को पॉजिटिव रखने में मदद करेगा। इसकी शुरुआत बच्चों को प्यार से जगाने के साथ ही करना चाहिए। इस समय बच्चों को प्यार से मोटिवेट करें। इन 7 मिनट में बच्चे के दिनभर की प्लानिंग पर बात करें। इस समय बच्चा माता पिता की बात ध्यान से सुनते हैं। आप उन्हें पॉजिटिविटी और एनर्जी से भर सकते हैं।
शाम के 7 मिनट- शाम का समय फैमिली टाइम होता है। अपने परिवार और बच्चों के साथ अपना बेस्ट टाइम बिताएं। ऐसे में आप 7 मिनट के लिए बच्चे के साथ बैठें और उससे उसकी दिनभर की बातें पूछें उसके अनुभवों को बांटें। बच्चे से उसके स्कूल के बारे में बात करें। उनका दिन कैसा रहा, उन्होंने आज क्या नया सीखा और कौन-कौन से मजेदार अनुभव किए। इस वक्त आप बच्चे की सारी छोटी बड़ी बातें गौर से सुनें और कोई परेशनी हो तो उसका हल निकालें। इससे बच्चे के साथ आपका रिश्ता मजबूत होगा।
रात के 7 मिनट- जिस तरह बच्चा सुबह आपकी बातें गौर से सुनता है वैसे ही आप दोनों के लिए रात के 7 मिनट भी काफी स्पेशल होते हैं। इस समय सोते हुए बच्चे से उनकी बातें करें। बच्चों को कहानियां सुनाएं। कुछ नैतिक ज्ञान की बातें बताएं। बच्चों को अच्छे संस्कारों के बारे में बताएं। दिनभर की अच्छी चीजों को याद करें। बच्चे को गले लगाएं इससे बच्चे के अंदर सुकून और सिक्योरिटी वाली फीलिंग आती है। रात में अच्छी नींद आती है और सुबह बच्चा एकदम फ्रेश फील करता है।