Six fingers birth significance: छह उंगलियां होना क्या वाकई खास है? जानिए इसके शुभ-अशुभ संकेत, ज्योतिषीय महत्व और वैज्ञानिक कारण। क्या ये भाग्य बदल सकता है या सिर्फ़ एक जेनेटिक स्थिति है?

Is having 6 fingers lucky or unlucky: हाथ में आमतौर पर पांच उंगलियां होती हैं, जिसमें से चार उंगलियों और एक अंगूठा होता है। लेकिन कई बार जन्म से ही कई लोगों की 6 उंगलियां होती है, जिसे मेडिकल साइंस में पॉलीडैक्टिली (Polydactyly) कहा जाता है। यह एक जेनेटिक कंडीशन है, लेकिन हमारे देश में इससे जुड़ी कई धार्मिक, ज्योतिष और सामुद्रिक शास्त्र की मान्यताएं भी प्रचलित है। जिसमें 6 उंगली होना शुभ या अशुभ माना जाता है। आइए हम आपको बताते हैं जिन व्यक्तियों के हाथ में 6 उंगलियां होती है, उनका स्वभाव कैसा होता है यह शुभ होता है या अशुभ?

हाथों में 6 उंगलियां होना शुभ या अशुभ (Meaning of six fingers in astrology)

6 उंगली होने के शुभ संकेत

कहा जाता है कि जिन लोगों के हाथों में छह उंगली होती है वह किसी न किसी खास मकसद के लिए पैदा होते हैं। इन लोगों में अलग सोच होती है, तेज बुद्धि होती है और यह अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, ऐसे व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं। इन्हें आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है और यह दूसरे लोगों से श्रेष्ठ होते हैं। कहते हैं कि जिन लोगों के हाथों में उंगली सही दिशा में बढ़ती है, यह लोग सामान्य लोगों से हटकर कुछ बड़ा कर सकते हैं।

6 उंगली होने के अशुभ संकेत

6 उंगली होने के कुछ अशुभ संकेत भी होते हैं। अगर उंगली का आकार अविकसित होता है, यह छोटी और टेढ़ी होती है, तो कहा जाता है कि इससे कार्य करने में बाधा होती है। इसे अवरोध, कर्ज या दुर्घटना से जुड़ा हुआ माना जाता है। कई बार यह मानसिक तनाव या निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति को भी दर्शाता है।

6 उंगली होना शुभ होता है या अशुभ

सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हाथ में अगर सीधी और पूरी तरह से विकसित छठी उंगली होती है, तो यह शुभ माना जाता है। वहीं, अगर छठवीं उंगली टेढ़ी-मेढ़ी या छोटी होती है, तो इससे कुछ अशुभ संकेत भी मिलते हैं। वहीं, मेडिकल साइंस के अनुसार 6 उंगली होना एक जेनेटिक कंडीशन है, जिसे पॉलीडैक्टिली कहते हैं। यह बीमारी नहीं है और कई बार परिवार में वंशानुगत भी होती है, जिसे हटवाने की जरूरत नहीं पड़ती है।

नोट- यह सभी जानकारी सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष मान्यताओं के आधार पर है, इनका कोई मेडिकल साइंस या विज्ञान में प्रमाण नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए आप किसी ज्योतिष या हस्तरेखा ज्योतिष से संपर्क कर सकते हैं।