सार

Cashless Treatment Scheme:रोड एक्सीडेंट में हर साल सही वक्त पर लोगों को इलाज नहीं मिलने से हजारों लोग जान गंवा देते हैं। अस्पताल की पैसों से जुड़ी शर्त आड़े आ जाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अस्पताल को तुरंत मरीज का इलाज करना होगा।

Cashless Treatment Scheme:रोड एक्सीडेंट के बाद जब घायल को अस्पताल ले जाया जाता है तो उसके तुरंत इलाज करने से पहले कैश की डिमांड या इश्योरेंस पॉलिसी दिखाने के लिए अस्पताल बोलते हैं। सही वक्त पर इलाज नहीं मिलने की वजह से कई बार घायल की जान चली जाती है। लेकिन मोदी सरकार ने इसका भी हल निकाल लिया है। उन्होंने 5 मई 2025 से ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025’ की शुरुआत की है। इस स्कीम के तहत जख्मी व्यक्ति को 1.5 लाख रुपए तक का इलाज फ्री में मिलेगा।

इतना ही नहीं ये रकम बिना किसी कागजी झंझट, इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट एडवांस के बिना होगा। इस योजना देशभर में लागू किया गया है और चुनिंदा सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल को इस योजना के तहत जोड़ा जाएगा, ताकि घायल के अस्पताल पहुंचते ही इलाज शुरू हो सके।

कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025 क्या है?

कैशलेस ट्रीटमेंट (cashless treatment)  में रोड एक्सीडेंट में जख्मी पीड़ित का इलाज बिना पैसे दिए ही हो जाएगा। ये स्कीम गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बहुत ही उपयोगी होगा। 1.5 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज उनका किया जाएगा।

किसे मिलेगा फायदा?

रोड एक्सीडेंट में शिकार लोगों के लिए यह स्कीम बनाया गया है। चाहे वो गाड़ी चला रहा हो, बैठा हो या फिर पैदल जा रहा हो अगर वो एक्सीडेंट में घायल है तो उसका इलाज इस योजना के तहत होगा। बस हादसे के घायल को सरकार के तय अस्पताल में ले जाया जाएगा जहां उनका फ्री इलाज होगा।

क्या कागज भी दिखाने होंगे?

इस योजना के तहत किसी भी तरह के इंश्योरेंस , आर्थिक स्थिति या जाति प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। बिना कागज ही इलाज होगा। यह स्कीम पूरे देशभर में लागू किया गया है। इस स्कीम के तहत ऑपरेशन, टेस्ट, दवाई और जरूरी मेडिकल सपोर्ट को कवर किया जाएगा।

कैसे होगा अस्पताल को भुगतान?

सवाल है कि अस्पताल को पैसे कैसे मिलेंगे तो जवाब है जब मरीज का इलाज हो जाएगा और बिल मिलेगा। तो इस इलाज के बिल को एक सरकारी पोर्टल पर डालना होगा। फिर राज्य की हेल्थ एजेंसी उस बिल को चेक करेगी और सही होने पर हॉस्पिटल के खाते में पैसा चला जाएगा।