सार
COVID-19 infection: कोरोना की नई लहर में प्रेग्नेंट महिलाएं, कैंसर मरीज और बच्चे सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। जानिए कैसे रखें इनकी खास देखभाल, क्या हैं वैक्सीन गाइडलाइंस और कब लें डॉक्टर की मदद।
Covid-19: कोरोना के भारत में तेजी से बढ़ते केस के कारण एक बार फिर से सब लोग के मन में कोविड-19 का खौफ बैठ गया है।कोरोना के लिए बूस्टर डोज या वैक्सीन लेने वालो के मन में भी कई प्रश्न उठ रहे हैं। पिछले हफ्ते से अब तक कोरोना के करीब 752 नए इंफेक्शन के केस सामने आए हैं। वीक इम्यूनिटी से लेकर प्रेग्नेंट महिलाओं तक के मन में कोरोना को लेकर कई प्रश्न हैं। आइए जानते हैं कि बीमारी या प्रेग्नेंसी में कोरोना की देखभाल कैसे करें।
कैंसर के दौरान कोविड-19
डॉक्टर कुमारडीप दत्ता चौधरी इस विषय में टाइम्स नाऊ से बताते हुए कहते हैं कि कैंसर के मरीज और संवेदनशील होते हैं। उनकी इम्यूनिटी भी कमजोर होती है। कैंसर के कारण कीमोथेरेपी अच्छी सेल्स को भी डैमेज कर देती है। इस कारण से संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है। ऐसे लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने से बचना चाहिए। साथ ही डॉक्टर से सलाह के बाद वैक्सीन लगवानी चाहिए। जिन कैंसर पेशेंट्स ने सेल ट्रांसप्लांट थेरेपी ली है, वो लोग तीन महीने का इंतजार कर सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में कोविड-19 का खतरा
प्रेग्नेंसी में भी कोविड-19 का अधिक खतरा हो सकता है। अगर प्रेग्नेंसी में मां को कोरोना है तो होने वाले बच्चे को शायद ही खतरा रहे। प्रेग्नेंसी में कोरोना पॉजिटिव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और मास्क पहन सकते हैं।
बच्चों में कोरोना संक्रमण से बचाव
कोरोना का प्रसार तेजी से हो रहा है। ऐसे में सभी लोगों को बच के रहने की जरूरत है। बच्चों में भी कोविड-19 के लक्षण दिख सकते हैं। अगर आपको बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चों में कोरोना के हल्के लक्षण जैसे कि बुखार आना, सर्दी-खांसी, बदन दर्द आदि लक्षण दिख सकते हैं। अगर हल्के लक्षण दिखें तो घर में रखी दवाओं के बजाय डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।