5 Yoga Poses for hormonal balance in women: थकान, अनियमित पीरियड्स, मूड स्विंग्स या वजन कम न होना, ये सब हार्मोनल असंतुलन के लक्षण हो सकते हैं। योग से इन समस्याओं का प्राकृतिक समाधान संभव है।
International Yoga Day 2025: क्या आपको थकान हमेशा बनी रहती है? पीरियड्स अनियमित हैं या अचानक मूड स्विंग्स? या फिर वजन घटाने की लाख कोशिशें नाकाम हो रही हैं? तो हो सकता है कि आप हार्मोनल इंबैलेंस से जूझ रहे हों और आप अकेले नहीं हैं। 2025 की हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में 10 में से 6 महिलाएं और 10 में से 4 पुरुष हार्मोनल गड़बड़ी से परेशान हैं। PCOS, थायरॉइड, इंसुलिन रेसिस्टेंस, Cortisol और मेल टेस्टोस्टेरोन असंतुलन ये आम समस्याएं बन चुकी हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि योग से हम अपने हार्मोन को नेचुरली बैलेंस कर सकते हैं बिना दवा, बिना साइड इफेक्ट के। इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर अपनाइए ये 5 खास योगासन जो आपके एंडोक्राइन सिस्टम को दुरुस्त करेंगे और शरीर-मन में संतुलन लौटाएंगे।
1. सेतु बंधासन (Bridge Pose)
यह आसन थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय करता है और PCOS में पेल्विक सर्कुलेशन सुधारता है। सबसे पहले पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और हाथों को शरीर के पास रखें। सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं, छाती को ठुड्डी से जोड़ें। 30 सेकंड रुकें और धीरे-धीरे नीचे आएं। Journal of Yoga Therapy की एक स्टडी बताती है कि PCOS पीड़ित महिलाओं में ये योगा आसन 8 हफ्तों के अभ्यास से हार्मोन लेवल संतुलित करता है।
2. बालासन (Child’s Pose)
Cortisol स्ट्रेस हार्मोन होता है जो ज्यादा बनने लगे तो मोटापा, ब्लड प्रेशर और अनिद्रा देता है। बालासन उसे घटाने में मदद करता है। वज्रासन में बैठकर आगे झुकें, माथा जमीन से छुए। हाथ सामने की ओर फैलाएं और गहरी सांस लें। Mind-Body Medicine Journal के अनुसार, 10 मिनट बालासन से Cortisol लेवल में 35% तक गिरावट आती है।
3. भुजंगासन (Cobra Pose)
यह आसन एड्रिनल ग्रंथि (जो कोर्टिसोल बनाती है) और प्रजनन तंत्र को सशक्त बनाता है। पेट के बल लेटें, हथेलियों को कंधों के पास रखें और धीरे-धीरे ऊपर उठें। छाती फैलाएं, कंधे पीछे करें। नाभि ज़मीन से लगी रहे। Women’s Health Journal में प्रकाशित रिपोर्ट कहती है कि भुजंगासन से महिला हार्मोन (Progesterone) का उत्पादन बेहतर होता है।
4. मत्स्यासन (Fish Pose)
ये योगा आसन गले के हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाकर थायरॉइड को बैलेंस करता है और ब्रेन हार्मोन के कंट्रोल सेंटर (pituitary gland) को शांत करता है। पीठ के बल लेटें, हाथों को नीचे रखें।कोहनियों के सहारे छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे जमीन पर टिकाएं। ये मुद्रा PCOD, पीरियड्स पेन और थकावट में चमत्कारी रूप से असर करती है।
5. नाड़ी शोधन प्राणायाम (Alternate Nostril Breathing)
यह प्राणायाम ब्रेन, पिट्यूटरी, थायरॉइड, एड्रिनल सभी ग्रंथियों को संतुलन में लाने का काम करता है। दाहिने हाथ से एक नासिका बंद करें, दूसरी से धीरे-धीरे सांस लें। फिर दूसरी से छोड़ें और क्रम दोहराएं। AIIMS Delhi की स्टडी के अनुसार, रोजाना 10 मिनट नाड़ी शोधन करने वाले ग्रुप में 3 हफ्तों में स्ट्रेस हार्मोन 28% घटा और TSH लेवल नॉर्मल हुए।