सार
Hyperhidrosis: जरूरत से ज्यादा पसीना आना एक मेडिकल कंडीशन हो सकती है, जिसे हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज के उपाय जो आपकी हेल्थ में सुधार ला सकते हैं।
Excessive sweating: बॉडी के टेंपरेचर को मेंटेन करने के लिए स्वेटिंग यानी कि पसीना निकलता है। शरीर से पसीना निकलना सामान्य प्रक्रिया है लेकिन कुछ लोगों में जरूर से ज्यादा पसीना निकलता है। अगर आपके भी शरीर से अधिक मात्रा में पसीना निकल रहा है तो यह एक मेडिकल कंडीशन हो सकता है। एक्सेसिव स्वेटिंग को हाइपरहाइड्रोसिस (hyperhidrosis) के नाम से भी जाना जाता है। इस कंडीशन में बॉडी के टेंपरेचर को रेगुलेट करने के लिए अधिक मात्रा में पसीना निकालना पड़ता है। अगर आप रेस्ट भी कर रहे होंगे तो भी शरीर से पसीना निकलेगा। आईए जानते हैं कि हाइपरहाइड्रोसिस के सिम्टम्स या लक्षण क्या होते हैं।
हाइपरहाइड्रोसिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Hyperhidrosis)
हाइपरहाइड्रोसिस की समस्या झेल रहे व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षणों का सामना करना पड़ता है।
- शरीर में नमी रहना
- कपड़ों का गीला हो जाना
- माथे या गालों से पसीने का टपकना
- त्वचा में खुजली और सूजन होना
- शरीर से दुर्गंध आना
- पैरों की त्वचा का फटना या उखाड़ना
हाइपरहाइड्रोसिस के कारण क्या हैं? (Causes of Hyperhidrosis)
ओवरएक्टिव स्वेट ग्लैंड्स के कारण हाइपरहाइड्रोसिस की समस्या होती है। आमतौर पर जब शरीर का टेंपरेचर बढ़ जाता है या गरम हो जाता है तो स्वेटिंग ग्लैंड्स एक्टिव हो जाती है और शरीर से पसीना निकलता है ताकि बॉडी का टेंपरेचर मेंटेन रहे। वहीं व्यक्ति के नर्वस होने पर भी स्वेटिंग ग्लैंड एक्टिव होती है। हाइपरहाइड्रोसिस कंडीशन से पीड़ित व्यक्ति में ऐसा नहीं होता है। बॉडी का नॉर्मल टेम्परेचर होने पर भी स्वेटिंग ग्लैंड्स एक्टिव हो जाती हैं और पसीना निकलने लगता है।
दवाओं के इस्तेमाल से एक्सेसिव स्वेटिंग (Excessive sweating due to drug)
किसी मेडिकल कंडीशन से पीड़ित होने वाले व्यक्ति अगर लंबे समय से दावों का सेवन कर रहे हैं तो उन्हें भी एक्सेसिव स्वेटिंग की समस्या हो सकती है। यहां पर कुछ मेडिसिन दी गई हैं जो अधिक पसीने का कारण बन सकती हैं।
- एल्ब्यूटेरोल
- बुप्रोपियन
- हाइड्रोकोडोन
- इंसुलिन
- लेवोथायरोक्सिन
- लिसिनोप्रिल
- नेप्रोक्सन
- ओमेप्राज़ोल
- सेर्टालाइन
कुछ मेडिकल कंडीशन भी अधिक पसीने का कारण बनती हैं जैसे कि
- एक्रोमेगाली
- संक्रमण (तपेदिक)
- चिंता
- कैंसर
- मधुमेह
- हृदय रोग
- हृदय विफलता
- हाइपरथायरायडिज्म
- रजोनिवृत्ति
- हाइपरहाइड्रोसिस का ट्रीटमेंट
हाइपरहाइड्रोसिस का ट्रीटमेंट
- एंटीपर्सपिरेंट और डिओडोरेंट का इस्तेमाल करके अधिक पसीने को रोका जा सकता है। वहीं डॉक्टर बीमारी को डायग्नोज करने के बाद ओटीसी दवाएं भी दे सकते हैं।
- हाइपरहाइड्रोसिस के हल्के लक्षणों को कम करने के लिए शावर या बाथ का सहारा भी लिया जा सकता है। ऐसा करने से भी शरीर को ठंडक मिलती है और स्वेटिंग कम होती है।
- पीड़ित व्यक्ति को कॉटन फैब्रिक के कपड़ों का चुनाव करना चाहिए जिससे कि पसीना आसानी से सूख जाए। कुछ फैब्रिक जैसे कि पॉलिस्टर या मिक्स फैब्रिक नहीं पहनने चाहिए।
- पसीने की ग्रंथि को हटाने से लेकर एंडोस्कोपिक थोरेसिक सिम्पैथेक्टोमी सर्जरी का इस्तेमाल कर अधिक पसीने की समस्या को खत्म किया जाता है।