Diwali 2025: दिवाली पर रतालू या सूरन क्यों खास है? इस जड़ वाली सब्जी को समृद्धि, विकास और देवी लक्ष्मी के सम्मान का प्रतीक माना जाता है। इसका सेवन न केवल घर में धन और सौभाग्य लाता है, बल्कि हेल्थ के लिए सूपर फूड माना जाता है। आइए जानें कैसे?
Diwali 2025 Special Food: दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है और रोशनी के इस त्योहार में मिठाइयां एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लड्डू, खीर और काजू कतली के अलावा, इस शुभ अवसर पर जिमीकंद भी बनाया जाता है। सूरन या हाथी पांव रतालू के नाम से भी लोकप्रिय, यह साधारण सब्जी दिवाली के अवसर पर एक विशेष स्थान रखती है। लेकिन त्योहार के दौरान इसका इतना महत्व क्यों है? आइए जानें।
दिवाली पर जिमीकंद क्यों महत्वपूर्ण है?
दिवाली के साथ जिमीकंद का जुड़ाव एक दिलचस्प पृष्ठभूमि रखता है। दिवाली पर इस जड़ वाली सब्जी को खाने के मुख्य कारणों में से एक इसका समृद्धि और विकास से प्रतीकात्मक संबंध है। ऐसा कहा जाता है कि जिमीकंद, अपनी कंद जैसी वृद्धि की तरह, जो कटाई के बाद भी फलती-फूलती रहती है, प्रचुरता का प्रतीक है। यदि जड़ का कुछ भाग मिट्टी में रह जाता है, तो वह पुनर्जीवित हो जाती है, जो समृद्धि और धन के एक अंतहीन चक्र का प्रतीक है - ये ऐसे गुण हैं जिन्हें दिवाली के दौरान अत्यधिक महत्व दिया जाता है, जो देवी लक्ष्मी का सम्मान करती है।

भारत के कई हिस्सों में, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे क्षेत्रों में, जिमीकंद दिवाली के भोज में पकाया जाता है। परिवारों का मानना है कि इस सब्ज़ी का सेवन करने से घर में धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। देवी लक्ष्मी से इसका संबंध और भी स्पष्ट हो जाता है, क्योंकि भक्त दिवाली की पूजा में इस सब्ज़ी को अर्पित करते हैं।
जिमीकंद के हेल्थ बेनिफिट्स
न केवल सांस्कृतिक महत्व, बल्कि इसके अविश्वसनीय स्वास्थ्य लाभ भी हैं। सूरन एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और कई अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के साथ-साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बेस्ट स्रोत है, जो हार्ट के लिए अच्छा है। यह पाचन में सहायता करता है और शरीर में सूजन को कम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, जिमीकंद को पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार माना जाता है और इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह जड़ वाली सब्ज़ी वजन नियंत्रण में भी योगदान देती है, जिससे यह आपके दिवाली समारोहों में एक स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन बन जाता है।
