सार

Overeating Health Risks: कुछ लोगों को ज़्यादा खाने की आदत होती है। कुछ लोग तो खाना, स्नैक्स वगैरह खाते ही रहते हैं। अगर आपको भी ज़्यादा खाने की आदत है, तो सावधान रहें। आपको कुछ गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में ओवरईटिंग यानी जरूरत से ज़्यादा खाना एक आम समस्या बन गई है। स्वाद, स्ट्रेस या सोशल इनवाइट्स के चलते हम अक्सर इतना खा जाते हैं जितना शरीर को वास्तव में जरूरत नहीं होती। यह आदत सिर्फ वजन बढ़ने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि पाचन तंत्र से लेकर दिल और दिमाग तक पर गहरा असर डालती है। लगातार ओवरईटिंग से शरीर में सूजन, ब्लड शुगर असंतुलन, और कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। यही समय है खाने की आदतों को लेकर सजग होने का। ज़्यादा खाना सेहत के लिए हानिकारक है, ये तो हम सब जानते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि इससे किस तरह के खतरे हो सकते हैं? 

ज़्यादा खाने से मोटापा

ज़्यादा खाने से शरीर में जरूरत से ज़्यादा कैलोरी जमा हो जाती है। अगर ये कैलोरी बर्न नहीं होती, तो ये फैट में बदलकर शरीर में जमा हो जाती हैं। इससे मोटापा बढ़ता है। मोटापा कई बीमारियों की जड़ है।

हार्ट की बीमारियां

ज़्यादा फैट वाला खाना खाने से खून में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। इससे धमनियों में ब्लॉकेज हो सकता है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी दिल की बीमारियाँ हो सकती हैं।

डायबिटीज़ का खतरा

मीठा और प्रोसेस्ड फ़ूड ज़्यादा खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। समय के साथ, ये टाइप 2 डायबिटीज़ का कारण बन सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर

ज़्यादा नमक और फैट वाला खाना खाने से हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर से दिल की बीमारी, किडनी की बीमारी और स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

पाचन संबंधी समस्याएं

ज़्यादा खाने से पाचन तंत्र पर ज़ोर पड़ता है। इससे पेट फूलना, गैस, कब्ज़ और दूसरी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

नींद न आना

रात में ज़्यादा खाने से खाना पचने में समय लगता है, जिससे नींद आने में देरी हो सकती है या नींद टूट सकती है। इससे अनिद्रा की समस्या हो सकती है।

तनाव और चिंता

कुछ लोग तनाव या चिंता से निपटने के लिए ज़्यादा खाते हैं। लेकिन, इससे सिर्फ़ थोड़ी देर के लिए ही आराम मिलता है। असल में, ज़्यादा खाने से शरीर में हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं, जिससे तनाव और चिंता बढ़ सकती है।

थकान

ज़्यादा खाने के बाद शरीर खाना पचाने में ज़्यादा ऊर्जा खर्च करता है। इससे दूसरे कामों के लिए ऊर्जा कम पड़ सकती है और थकान महसूस हो सकती है। खासकर कार्बोहाइड्रेट वाला खाना ज़्यादा खाने पर थकान ज़्यादा होती है।

पित्ताशय की समस्याएं

ज़्यादा फैट वाला खाना खाने से पित्ताशय में पथरी होने का खतरा बढ़ता है।

कुछ तरह के कैंसर

अध्ययनों से पता चलता है कि मोटापा और गलत खानपान से कुछ तरह के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

ज़्यादा खाने से कैसे बचें?

  1. - समय पर खाना खाएं।
  2. - खाना न छोड़ें।
  3. - पौष्टिक और संतुलित आहार लें।
  4. - धीरे-धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाएं।
  5. - खाने के बीच में खूब पानी पिएं।
  6. - बैठकर खाएं, खाना खाते समय टीवी देखना या दूसरा काम करना जैसी चीज़ों से बचें।
  7. - खाने से पहले एक गिलास पानी पीने से भूख कम लगती है।
  8. - तनाव या भावुक होने पर खाने से बचें। इसकी बजाय व्यायाम करें या कोई और पसंदीदा काम करें।
  9. - पूरी नींद लें। नींद पूरी न होने से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन सक्रिय हो सकते हैं।
  10. - छोटी प्लेटों में खाना परोसें।
  11. - हफ़्ते में एक बार अपना वज़न ज़रूर चेक करें।

    ध्यान देने योग्य बातें
  • - हर किसी का शरीर अलग होता है। ज़्यादा खाने के नतीजे अलग-अलग हो सकते हैं।
  • - एक बार में ज़्यादा खाने के बजाय, पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा खाना बेहतर है।
  • - प्रोसेस्ड फ़ूड, जंक फ़ूड और ज़्यादा मीठा वाले पेय पदार्थों से परहेज़ करना सेहत के लिए अच्छा है।
  • - फाइबर से भरपूर खाना, फल और सब्ज़ियां खाने से पाचन बेहतर होता है।
  • - नियमित व्यायाम करने से कैलोरी बर्न होती है और वज़न कंट्रोल में रहता है।