सार

COVID surge in Asia and its impact on India: एशिया में कोरोना के नए वैरिएंट्स KP.2 और KP.3 तेज़ी से फैल रहे हैं, जिससे कई देशों में केस बढ़ रहे हैं। भारत में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञ सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।

जहां दुनिया धीरे-धीरे महामारी के बाद की जिंदगी की ओर बढ़ रही है, वहीं एशिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना वायरस की नई लहर चिंता बढ़ा रही है। WHO और हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस बार की लहर का कारण हैं कुछ नए, ज्यादा संक्रामक वैरिएंट्स, जो न सिर्फ तेजी से फैलते हैं, बल्कि टेस्टिंग और ट्रैकिंग को भी चकमा दे सकते हैं। जी हां, एकबार फिर से कोरोना, काल बनकर बरसने लगा है और इसकी वजह से अब तक कई लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

नया खतरा KP.2 और KP.3 वैरिएंट

कोविड-19 के नए वैरिएंट KP.2 और KP.3 को WHO ने ‘Variants Under Monitoring’ की लिस्ट में रखा है। ये दोनों वैरिएंट ओमिक्रॉन फैमिली से जुड़े हैं और पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज़्यादा संक्रामक माने जा रहे हैं। KP.3 अब अमेरिका में डॉमिनेंट वैरिएंट बन चुका है। दोनों वैरिएंट्स में ऐसी म्यूटेशन हैं जो इम्यून सिस्टम को चकमा दे सकती हैं। ये उन लोगों को भी इंफेक्ट कर सकते हैं जिन्हें पहले कोविड हो चुका है या जिन्होंने वैक्सीन ली है।

एशिया में बढ़ने लगे कोविड केस

दक्षिण कोरिया, जापान, थाईलैंड, मलेशिया और फिलीपींस जैसे देशों में केसों में धीरे-धीरे इजाफा देखने को मिल रहा है। हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार इन देशों में हॉस्पिटल एडमिशन की दर में 20–30% तक उछाल देखा गया है। थाईलैंड में कुछ जगहों पर मास्क मैनडेट फिर से लागू हो गया है।

भारत में क्या है स्थिति?

भारत में इस समय कोविड के केस कम हैं, लेकिन नया डेटा अलर्ट के संकेत दे रहा है। पिछले 2 महीनों में भारत में 77 नए केस और 2 मौतें दर्ज की गई हैं। महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में स्थानीय ट्रैकिंग चालू है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में भी KP.2 जैसे वैरिएंट्स की एंट्री संभव है। चिंता की बात यह है कि भारत में टेस्टिंग की दर काफी गिर चुकी है, जिससे रियल टाइम डेटा मिलना मुश्किल हो गया है।

एक्सपर्ट्स की राय जानें क्या करना चाहिए?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत जरूर है।

  1. भीड़भाड़ में मास्क ज़रूर पहनें, खासकर अगर किसी को सर्दी-जुकाम हो।
  2. सीनियर सिटीजन और बीमार लोगों को एक्स्ट्रा प्रीकॉशन लेने की सलाह दी गई है।
  3. वैक्सीन की बूस्टर डोज अपडेट रखें, खासकर हेल्थ वर्कर्स और इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज्ड लोगों के लिए।

नया वेव नहीं... लेकिन नई चेतावनी

WHO ने साफ कहा है कि अभी तक यह नया वेव नहीं है, लेकिन ‘नया ट्रेंड’ जरूर है। इसका मतलब यह है कि कोविड पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और यह एंडेमिक स्टेज में प्रवेश कर रहा है यानी यह समय-समय पर लौटेगा, जैसे फ्लू। भारत में अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन एशिया में बढ़ते केस हमें याद दिलाते हैं कि वायरस अभी गया नहीं है। नई वैरिएंट्स की एंट्री और कम टेस्टिंग भारत को फिर से जोखिम में डाल सकती है। ऐसे में जरूरी है कि हम लापरवाह न हों, और साफ-सफाई, मास्क और वैक्सीनेशन पर दोबारा फोकस करें।