Yoga Asanas for PCOS and PCOD: PCOS/PCOD से परेशान? रोज सिर्फ 20 मिनट योग से हॉर्मोनल बैलेंस, स्ट्रेस कंट्रोल और पीरियड्स रेगुलर करें। तितली आसन, सेतुबंधासन जैसे आसान योगासन से पाएं आराम।
PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) और PCOD (Polycystic Ovarian Disease) आज की लाइफस्टाइल से जुड़ी एक आम समस्या बन चुकी है। इसका सीधा असर महिलाओं की प्रेग्नेंसी, हार्मोन बैलेंस, वजन, मेंस्ट्रुअल साइकल और मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। इसकी दवाएं लंबे समय तक लेना हमेशा सही ऑप्शन नहीं होता, क्योंकि ये सिर्फ लक्षणों को दबाती हैं। ऐसे में योग एक नेचुरल, सुरक्षित और असरदार तरीका है जिससे न सिर्फ लक्षणों में राहत मिलती है, बल्कि अंदर से भी शरीर को संतुलन मिलता है। अगर आप रोज सिर्फ 20 मिनट भी सही योगासनों का अभ्यास करें, तो आपको हॉर्मोनल संतुलन, स्ट्रेस कंट्रोल, वजन नियंत्रण और बेहतर पीरियड साइकल जैसे फायदे मिल सकते हैं।
क्यों सिर्फ 20 मिनट?
हर महिला के पास लंबे समय तक एक्सरसाइज या ध्यान के लिए समय नहीं होता, खासकर अगर आप कामकाजी हैं या मां हैं। इसलिए यहां हम 20 मिनट का एक ऐसा योग रूटीन बता रहे हैं जो PCOS/PCOD से जूझ रही महिलाओं के लिए आसान, असरदार और हर दिन करने लायक है।
PCOS/PCOD के लिए 20 मिनट योगा रूटीन
1. तितली आसन (Butterfly Pose)
यह योगा आसन पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है, ओवरी की कार्यक्षमता को सुधारता है और माहवारी नियमित करता है। दोनों पैरों के तलवे जोड़ें, घुटनों को नीचे-ऊपर फड़फड़ाएं। ध्यान रखें कि कमर सीधी रहे।
2. सेतु बंधासन (Bridge Pose)
ये आसन हॉर्मोनल बैलेंस में मदद करता है और पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है। पीठ के बल लेटकर घुटने मोड़ें और कूल्हों को ऊपर उठाएं और यहां पर बैलेंस करें।
3. भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन आपकी ओवरी और यूट्रस को एक्टिवेट करता है, पीरियड साइकल बेहतर बनाता है। इसे करने के लिए पेट के बल लेटें, हथेलियों को कंधों के पास रखें और धीरे-धीरे ऊपर उठें और फिर होल्ड करें।
4. बालासन (Child Pose)
बालासन यह तनाव दूर करता है, पीरियड के दौरान होने वाली ऐंठन और बैकपेन को कम करता है। कैसे करें: वज्रासन में बैठें, आगे झुकें और माथा ज़मीन पर टिकाएं। हाथ आगे फैलाएं।
5. मार्जारी आसन + बिटिल आसन (Cat-Cow Pose)
जब आप इस योगासन को डैली करेंगी तो इससे स्पाइन लचीली बनती है, पेट और पेल्विक क्षेत्र की मसाज होती है जिससे हॉर्मोन बैलेंस होता है। घुटनों और हथेलियों के सहारे आएं, श्वास लेते हुए पीठ नीचे और सिर ऊपर करें (Cow Pose), फिर श्वास छोड़ते हुए पीठ ऊपर और सिर नीचे करें (Cat Pose)।
6. पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend)
2 मिनट के लिए इस आसन को करने से ओवरी की कार्यक्षमता सुधारती है और तनाव घटता है। इसे करने के लिए पैरों को सामने फैलाकर बैठें और धीरे-धीरे आगे झुकें।
7. प्राणायाम में करें अनुलोम विलोम और भ्रामरी
6 मिनट के लिए आखिरी में प्राणायाम करें। सांसों का संतुलन पूरे सिस्टम को शांत करता है। हॉर्मोन संतुलन और स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए बेहद जरूरी। अनुलोम-विलोम (4 मिनट) करने के लिए एक नासिका से श्वास लें, दूसरी से छोड़ें। वहीं भ्रामरी (2 मिनट) के लिए आंखें बंद करें, गहरी सांस लेकर ‘हम्म्म’ की ध्वनि करें।