इस देश ने फिनाइल को घोषित किया कोरोना का इलाज, हार्पिक-ब्लीच पीने को सरकार ने दी मंजूरी
हटके डेस्क: कोरोना वायरस ने दुनिया में तभी मचा रखी है। ऐसे कई देश हैं, जो इस वायरस से लड़ने के लिए महीनों से इंजेक्शन बनाने में जुटे हैं। इसमें रूस ने तो इसमें सफलता पाने का दावा भी कर दिया। हालांकि, रूस के इंजेक्शन पर अभी भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं यूके की तरफ से ऑक्सफ़ोर्ड ने भी जल्द वैक्सीन उतार देने का दावा किया है। लेकिन इन सब देशों से अलग दुनिया में एक ऐसा देश है, जिसने बिना किसी रिसर्च और चेतावनी को ध्यान रखते हुए कोरोना के इलाज के लिए ब्लीचिंग पाउडर को सहमति दे दी है। यानी अब यहां टॉयलेट क्लीनर से लोगों का कोरोना का इलाज होगा।
| Published : Aug 19 2020, 11:45 AM IST / Updated: Aug 19 2020, 01:08 PM IST
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क्लोरीन डाइऑक्साइड को टॉयलेट क्लीनर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इससे कीटाणु मारे जाते हैं, ऐसा बताकर कई थियोरिस्ट ने इसे कोरोना का इलाज घोषित कर दिया।
अब बोलीविया में सरकार ने इस जहरीले ब्लीच को कोरोना के इलाज के लिए मंजूरी दे दी है। यहां इस कोरोना से लड़ने के लिए चमात्कारिक दवा के रूप में प्रेजेंट किया गया है।
बता दें कि क्लोरोने डाइऑक्साइड को बाथरूम साफ़ करने के अलावा पेपर इंडस्ट्री में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जबसे कोरोना आया है, कई लोगों ने इसे वायरस को मारने में प्रभावी दवा के रूप में प्रदर्शित किया है।
बोलीविया के लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, लैटिन अमेरिकन कंट्री के लेजिस्लेटिव असेंबली ने इस ब्लीच को कोरोना पेशेंट पर इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। कहा जा रहा है कि इसके कारण कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, फिर भी इसे मंजूरी दी गई है।
पास किये गए सरकारी बिल में साफ़ लिखा है कि देश में क्लोरीन डाइऑक्साइड का इस्तेमाल कोविड 19 के पेशेंट पर किया जा सकता है। जबकि बिजनेस इनसाइडर की खबर के मुताबिक, बोलीविया में इसके इस्तेमाल से कई लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ गया है।
खुद बोलीविया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लोगों को इसका सेवन नहीं करना। चाहिए इससे उलटी,दस्त, लो बीपी और लिवर फेल होने तक की समस्या आ सकती है। लेकिन बोलीविया सरकार ने इसके बावजूद ये बिल पास कर दिया।
अभी बोलीविया में कोरोना के कुल 1 लाख 3 सौ से अधिक मामले हैं। इनमें से 4 हजार की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि जल्द ही यहां राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इस कारण इलाज के नाम पर एसिड जैसी जानलेवा चीज को मंजूरी दे दी गई है।