10 साल में अपनी ही ये 9 फ़िल्में बैन कर चुका पाकिस्तान!
पाकिस्तान ने हाल ही में फवाद खान स्टारर अपकमिंग फिल्म 'अबीर गुलाल' की रिलीज पर पाबंदी लगा दी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीते 10 साल में पाकिस्तान अपनी कई फिल्मों पर बैन लगा चुका है। जानिए ऐसी ही 9 पाकिस्तानी फिल्मों के बारे में...
- FB
- TW
- Linkdin
Follow Us
)
1.Joyland (2022)
सलीम सादिक निर्देशित इस फिल्म में अली जुनेजो, अलीना खान और सर्वांत गिलानी जैसे कलाकार नज़र आए थे। CBFC द्वारा इस फिल्म में अत्यधिक आपत्तिजनक सामग्री होने का हवाला देते हुए इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। बाद में कुछ काटछांट के बाद इसे रिलीज की अनुमति मिल गई थी। लेकिन पंजाब प्रांत में यह कभी रिलीज नहीं हो पाई।
2.I’ll Meet You There (2022)
यह अमेरिकी-पाकिस्तानी फिल्म है, जिसका निर्देशन इरम परवीन बिलाल ने किया था और फराह ताहिर और कवि खान जैसे कलाकार इसमें अहम् भूमिका में दिखे थे। पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने यह कहकर फिल्म पर बैन लगा दिया था कि यह असली पाकिस्तानी कल्चर को नहीं दिखाती है और मुसलमानों को गलत तरीके से पेश करती है।
3.Javed Iqbal: The Untold Story Of A Serial Killer (2022)
फिल्म में कुख्यात सीरियल किलर जावेद इकबाल की कहानी थी। अबू अलीहा निर्देशित इस फिल्म में यासिर हुसैन और आयशा कमर का लीड रोल था। पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म पर बैन लगा दिया था। बाद में मेकर्स ने फिल्म को रिवाइज किया और नए टाइटल 'कुकरी' के साथ 2 जून 2023 को रिलीज किया।
4.Zindagi Tamasha (2019)
सरमद खूसट निर्देशित इस फिल्म में आरिफ हुसैन, समैया मुमताज़ और इमाम सुलेमान जैसे कलाकार दिखे थे। टीजर आने के बाद फिल्म पर इतना विवाद छिड़ा कि इस टीजर को यूट्यूब से हटाना पड़ा। पाकिस्तान की सिंध सरकार ने इसे बैन कर दिया था। फिल्म पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा था।
5.Durj (2019)
शमून अब्बासी ने इस फिल्म का डायरेक्शन किया था और उन्होंने ही इस फिल्म में शेरी शाह, मायरा खान और नौमन जावेद के साथ अहम् भूमिका निभाई थी। सच्ची घटनाओं पर आधारित इस फिल्म की कहानी नरभक्षण के इर्द-गिर्द घूमती है। पाकिस्तानी CBFC ने फिल्म को प्रदर्शन लायक नहीं माना और बैन कर दिया। हालांकि, तीन साल बाद यह थिएटर्स में आ गई थी।
6.Verna (2017)
शाहरुख़ खान के साथ बॉलीवुड फिल्म 'रईस' में नज़र आईं माहिरा खान ने इस फिल्म में हारून शाहिद के साथ अहम् रोल निभाया था। शोएब मंसूर निर्देशित इस फिल्म की कहानी रेप के इर्द-गिर्द थी, जो CBFC को नामंजूर हुई और इसे बैन कर दिया गया। बाद में नवम्बर 2017 में इसे बिना सेंसर किए ही रिलीज किया गया।
7. Besieged in Quetta (2016)
यह डॉक्युमेंट्री फिल्म थी, जो आसिफ ली मोहम्मद ने बनाई थी। यह डॉक्युमेंट्री हजारा समुदाय की दुर्दशा के बारे में थी, जिसे CBFC ने यह कहकर बैन कर दिया था कि यह पाकिस्तान की गलत छवि दिखाती है।
8.Among the Believers (2016)
हेमल त्रिवेदी और मोहम्मद अली नकबी ने यह डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाई थी। इस डॉक्युमेंट्री में पाकिस्तान में चरमपंथ और आतंकवाद को उजागर किया गया था। CBFC ने डॉक्युमेंट्री पर पाकिस्तान की गलत छवि पेश करने का आरोप लगाया और इसे बैन कर दिया।
9.Maalik (2016)
डायरेक्टर आशिर अज़ीम की यह पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म रिलीज से 8 दिन पहले पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। खासकर सिंध सेंसर बोर्ड और सिंध सरकार ने इसकी स्क्रीनिंग पर पाबंदी लगाईं थी। सितम्बर 2016 में लाहौर हाई कोर्ट ने फिल्म से बैन हटाया और इसे लिमिटेड स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया था।