सार
आमिर खान फिल्म्स की मूवी 'लापता लेडीज' में अहम् भूमिका निभा चुकीं एक्ट्रेस छाया कदम एक बयान देकर बुरी फंस गई हैं। उनका यह बयान जंगली जानवरों के बारे में था, जिसे लेकर उन पर क़ानून का शिकंजा कसता नज़र आ रहा है। दरअसल, मुंबई बेस्ड एनजीओ प्लांट एंड एनिमल वेलफेयर सोसाइटी (PAWS) ने एक्ट्रेस के खिलाफ ठाणे के मुख्य वन संरक्षक और डिविजनल फारेस्ट ऑफिसर को एक पत्र भेजा है, जिसमें छाया कदम के हालिया इंटरव्यू पर चिंता जताई गई है। इस इंटरव्यू में छाया कदम ने यह बात स्वीकार की थी कि वे संरक्षित जंगली जानवरों का मांस खाती हैं। इसी को लेकर NGO ने एक्ट्रेस और जंगली जानवरों के शिकार और उपभोग में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
फारेस्ट ऑफिसर ने की शिकायत की पुष्टि
डिविजनल फारेस्ट ऑफिसर (विजिलेंस) रोशन राठौड़ ने इस बात की पुष्टि की है कि छाया कदम के खिलाफ शिकायत आई है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा, "हमें एक शिकायत मिली है, जो हमने चीफ कंसर्वेटर ऑफ़ फारेस्ट और डिप्टी कंसर्वेटर ऑफ़ फारेस्ट को इन्क्वायरी के लिए भेज दी है। एक्ट्रेस को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।"
शिकायत में NGO की टीम ने क्या लिखा?
NGO PAWS की टीम ने शिकायत में लिखा, "हमारी टीम को एक्ट्रेस छाया कदम का एक इंटरव्यू मिला है कि वे संरक्षित जंगली जानवरों जैसे कि हिरण, खरगोश, जंगली सूअर, मॉनिटर लिजार्ड और साही आदि का मांस खाती हैं। उन्होंने यह इंटरव्यू एक रेडियो को दिया, जिसे यूट्यूब पर पोस्ट किया गया। यह जनता को गलत मैसेज देता है और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की कई धाराओं के तहत कानूनन अपराध बनता है। हम यह भी अपील करते हैं कि जविक विविधता अधिनियम 2002 की प्रासंगिक धाराओं को लागू किया जाए। इंटरव्यू को आपराधिक स्वीकृति के तौर पर माना जाना चाहिए। हमारा आग्रह है कि जंगली जानवरों के अवैध शिकार और भक्षण में शामिल उनके और अन्य लोगों के खिलाफ जांच करें और कानूनी कार्रवाई करें।"
छाया कदम के विवादित बयान पर PAWS ने क्या कहा?
आनरेरी वाइल्डलाइफ वार्डन और इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनिमल प्रोटेक्शन (OIPA), AMMA केयर फाउंडेशन (ACF) और PAWS-मुंबई के फाउंडर सुनीश सुब्रमण्यम कुंजू ने यह शिकायत की है। उन्होंने कहा, "यह हैरान करने वाला है कि एक पब्लिक फिगर खुलकर जंगली जानवरों का मांस खाने की बात स्वीकार कर रही है। एक ओर हम वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और दूसरी ओर कुछ लोग खुलकर क़ानून तोड़ रहे हैं। वन विभाग को यह जांच करनी चाहिए कि उन्हें यह मांस कहां से मिलता है और अवैध शिकार में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।"