Modi Government 11 years: मोदी सरकार ने 2014 से 2025 के बीच शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए हैं। NEP 2020 से लेकर डिजिटल लर्निंग, स्कॉलरशिप और अटल टिंकरिंग लैब तक, मोदी सरकार के 11 बड़े फैसले जिन्होंने भारत की शिक्षा व्यवस्था को नया रूप दिया।
Modi Government 11 years: पिछले एक दशक में देश की शिक्षा व्यवस्था में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। साल 2014 से 2025 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने छात्रों और युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कई बड़े और दूरगामी फैसले लिए हैं। इन फैसलों का असर न सिर्फ स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पर पड़ा है, बल्कि स्किल डेवलपमेंट, रोजगार, इनोवेशन और डिजिटल लर्निंग जैसे क्षेत्रों में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से लेकर CUET, स्किल इंडिया मिशन, डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म्स और अटल टिंकरिंग लैब्स तक, मोदी सरकार की ये पहलें भारत के एजुकेशन सिस्टम को 21वीं सदी के हिसाब से तैयार करने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही हैं। आइए, जानते हैं मोदी सरकार के 11 बड़े फैसलों के बारे में, जिन्होंने स्टूडेंट्स की पढ़ाई और करियर की दिशा को पूरी तरह से बदल दिया।
1. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020)
मोदी सरकार की इस सबसे बड़ी शिक्षा नीति ने स्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई में लचीलापन, स्किल डेवलपमेंट और संपूर्ण विकास पर जोर दिया है। बच्चों को अब बोर्ड परीक्षा साल में दो बार देने का विकल्प मिलेगा और विषयों के चयन में भी आजादी बढ़ी है।
2. IIT, IIM और AIIMS का विस्तार
जहां 2014 तक देश में सिर्फ 16 IIT थे, वहीं अब इनकी संख्या 23 हो चुकी है। इसके अलावा IIMs और AIIMS संस्थानों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है, जिससे छात्रों को बेहतर हायर एजुकेशन मिल रही हैं।
3. पीएम श्री स्कूल (PM SHRI Schools)
देशभर के 14,500 से ज्यादा स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं और स्मार्ट एजुकेशन से लैस किया गया है। ये स्कूल NEP के आदर्श मॉडल के रूप में विकसित किए गए हैं।
4. डिजिटल लर्निंग की शुरुआत
कोरोना काल के दौरान शुरू हुए PM eVidya, DIKSHA ऐप और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने छात्रों को घर बैठे पढ़ाई का अवसर दिया। इससे ग्रामीण और दूरदराज के बच्चों को भी पढ़ाई से जोड़ा जा सका।
5. स्किल इंडिया मिशन
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अब तक 1.4 करोड़ युवाओं को रोजगारोन्मुखी ट्रेनिंग दी गई है। यह योजना युवाओं को जॉब रेडी बनाने की दिशा में बेहद कारगर साबित हुई है।
6. नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF)
बदलते समय के हिसाब से स्कूल की किताबों और कोर्स-सिलेबस को पूरी तरह बदला गया है। अब छात्र अपनी रुचियों के अनुसार विषयों का चयन कर सकते हैं और बोर्ड एग्जाम भी दो बार दे सकते हैं।
7. CUET परीक्षा की शुरुआत
अब देश की 56 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा– कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) आयोजित की जाती है। इससे दाखिले की प्रक्रिया पारदर्शी और समान हो गई है।
8. अटल टिंकरिंग लैब्स (Atal Tinkering Labs)
देश के 8,600 से ज्यादा स्कूलों में ATL Labs की स्थापना की गई है, जहां छात्र विज्ञान, रोबोटिक्स और इनोवेशन में प्रयोग कर सकते हैं। इससे बच्चों में वैज्ञानिक सोच और इनोवेशन को बढ़ावा मिला है।
9. वंचित वर्गों के लिए छात्रवृत्ति और सहयोग
SC/ST और अन्य कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए छात्रवृत्तियों का दायरा बढ़ाया गया है। साथ ही एकलव्य मॉडल स्कूलों के जरिए जनजातीय बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन दी जा रही है।
10. वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन
इस योजना के तहत छात्रों को विश्वस्तरीय रिसर्च और अकादमिक कंटेंट तक फ्री एक्सेस दिया गया है, जिससे नॉलेज गैप को कम किया जा सके।
11. शिक्षकों का प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे में सुधार
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग, डिजिटल लिटरेसी और स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश किया गया है।
मोदी सरकार के इन 11 प्रमुख फैसलों ने भारत के शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा दी है। अब पढ़ाई सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रही, बल्कि स्किल, टेक्नोलॉजी और करियर ओरिएंटेड हो गई है। आने वाले वर्षों में ये बदलाव छात्रों को न केवल आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि भारत को शिक्षा के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनाने की ओर भी अग्रसर करेंगे।