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देश सेवा का जज्बा था..डॉक्टर से बन गई IAS, आज 'अफसर जीजी' को सलाम करते हैं लोग
देश सेवा का जज्बा था..डॉक्टर से बन गई IAS, आज 'अफसर जीजी' को सलाम करते हैं लोग

उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में एक महिला आईएएस अधिकारी ने लोगों की सेवा कर इतना प्यार जुटा लिया कि गांव की महिलाएं उन्हें 'अफसर जीजी' कहकर बुलाती हैं। ये महिला अधिकारी हैं न सिर्फ आईएएस हैं बल्कि स्त्री रोग विशेषज्ञ भी हैं। इनका नाम है डॉ. मंजू जाखड़। मंजू पिछड़े आदिवासी इलाके में प्रशासनिक दायित्वों के साथ ही आदिवासी महिलाओं के कल्याण के लिए बेहतरीन काम कर रही हैं। उनके काम को इतना सराहा जा रहा है कि वो देशभर में छा गई हैं। IAS सक्सेज स्टोरी में हम आपको डॉक्टर से अफसर बनीं इस महिला अधिकारी के संघर्ष की कहानी सुना रहे हैं...

पिता की हत्या के बाद डरा सहमा रहता था परिवार, बेटे ने IPS अफसर बन कर दुश्मनों को ऐसे दिया जवाब
पिता की हत्या के बाद डरा सहमा रहता था परिवार, बेटे ने IPS अफसर बन कर दुश्मनों को ऐसे दिया जवाब

नई दिल्ली. राजधानी के उत्तर पूर्वी इलाके में फैली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो गई है। इन दंगों में एक पुलिस अधिकारियों ने अपनी जान को दांव पर लगाकर कई परिवारों की जान बचाई है। पुलिस अधिकारी नीरज जादौन दिल्ली हिंसा में हीरो बनकर छा गए हैं। उन्होंने उपद्रवियों से कई परिवारों की जान बचा ली। इतना ही नहीं नीरज ने इस दौरान प्रोटोकॉल का भी ध्यान नहीं रखा। नीरज कुमार जादौन 2015 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वे एंटी रोमियो स्क्वॉड के प्रभारी रहे हैं। जादौन के संघर्ष की बात की जाए तो उनका सिविल सेवा में आने का सफर भी काफी प्रेरणात्मक रहा है। किसान पिता की हत्या के बाद वो इतने गुस्से में थे कि पुलिसवाला बनने की ठान ली थी। IAS- IPS सक्सेज स्टोरी में हम आपको दिल्ली हिंसा में सुपरहीरो बनकर सुर्खियों में छाए नीरज जादौन के संघर्ष की कहानी सुना रहे हैं......

एक कमरे में तपस्वी की तरह दिन रात पढ़ाई कर IAS बनी ये लड़की, न कोचिंग गई न रखा घर से बाहर कदम
एक कमरे में तपस्वी की तरह दिन रात पढ़ाई कर IAS बनी ये लड़की, न कोचिंग गई न रखा घर से बाहर कदम

नई दिल्ली. भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में पास हो जाना ही बच्चों के लिए बहुत बड़ा सपना होता है। लाखों बच्चे सालभर इस परीक्षा की तैयारी करते हैं। पर इसी परीक्षा में एक लड़की ने टॉप करके लोगों के होश उड़ा दिए। ये लड़की हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके बिना कोचिंग यूपीएससी टॉपर बन गई। आत्मविश्वास इतना कि आईएएस बनने की ठान ली और पहली ही बार में मंजिल तक पहुंच गईं। इसे कहते हैं मंजिल तक पहुंचने का संकल्प और मंजिल हो हासिल करने का जुनून। इस जुनूनी लड़की का नाम है वंदना। IAS सक्सेज स्टोरी में आज हम आपको हरियाणा की इस आईएएस अफसर के संघर्ष की कहानी सुनाएंगे। 

पिछड़े गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ बनी IAS अफसर, बेटी आज भी नहीं भूली है किसान पिता की ये नसीहत
पिछड़े गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ बनी IAS अफसर, बेटी आज भी नहीं भूली है किसान पिता की ये नसीहत

महाराष्ट्र. एक लड़की ने बचपन में अपने किसान पिता को बेबस और लाचार देखा। सरकार ने किसानों के एक योजना के तहत कुछ लाभ घोषित किए लेकिन अनपढ़ किसान को नहीं मालूम था कि वो उसे कैसे मिलेंगे? 9 साल की उनकी बेटी ये अपने पिता को मजबूर देखकर परेशान हो गई। और उसी वक्त ठान लिया कि वो बड़ी होकर अफसर बनेगी। मजबूत इरादों वाली इस बच्ची का नाम है रोहिणी भाजीभाकरे। रोहिणी आज एक आईएएस अफसर हैं। IAS-IPS सक्सेज स्टोरी में आइए जानते हैं पिछड़े इलाके से सरकारी स्कूल में पढ़ बिना कोचिंग अफसर बनने वाली किसान की बेटी के संघर्ष की कहानी....

बेरोजगारी और बेसिक स्किल्स की कमी हमारी शिक्षा व्यवस्था के लिए है बड़ी चुनौती
बेरोजगारी और बेसिक स्किल्स की कमी हमारी शिक्षा व्यवस्था के लिए है बड़ी चुनौती

आज जब दुनिया में अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जा रहा है, भारत में बच्चों की ठीक से प्राथमिक शिक्षा भी नहीं मिल पा रही है। 

कभी इंग्लिश न आने से कॉलेज में स्टूडेंट उड़ाते थे मजाक, कड़ी मेहनत से IAS बन गई ये लड़की
कभी इंग्लिश न आने से कॉलेज में स्टूडेंट उड़ाते थे मजाक, कड़ी मेहनत से IAS बन गई ये लड़की

करियर डेस्क.  किसी ने सच ही कहा है कि सफलता किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती। सफलता के लिए सिर्फ जरूरी है जोश व लगन। व्यक्ति अपनी मेहनत और जोश के दम पर बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। आज कल अक्सर देखा जा रहा है कि कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अक्सर एक या दो बार असफल होने के बाद नर्वस हो जाते हैं। वह अपना संतुलन खो बैठते हैं उन्हें ये लगने लगता है कि अगर वह सफल न हुए तो जिंदगी में क्या कर सकेंगे। उन्हें आगे का रास्ता नहीं सूझता है।  इन सबको ध्यान में रखते हुए एशिया नेट न्यूज हिंदी ''कर EXAM फतह...'' सीरीज चला रहा है। इसमें हम अलग-अलग सब्जेक्ट के एक्सपर्ट, IAS-IPS के साथ अन्य बड़े स्तर पर बैठे ऑफीसर्स की सक्सेज स्टोरीज, डॉक्टर्स के बेहतरीन टिप्स बताएंगे। इस कड़ी में आज हम 2016 बैच की IAS सुरभि गौतम की कहानी आपको बताने जा रहे हैं। 

22 साल की उम्र में IAS अफसर बनी फौजी की बेटी, हटके हैं इनके काम करने का अंदाज
22 साल की उम्र में IAS अफसर बनी फौजी की बेटी, हटके हैं इनके काम करने का अंदाज

हैदराबाद. सिविल सेवा परीक्षा में पुरुषों की तरह महिलाएं भी पीछे नहीं है। बहुत बार तो महिला अधिकारी अपने दबंग अंदाज और हटकर काम करने के अंदाज को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। ऐसे ही बहुत सी महिला सिविल सेवक हैं जिन पर हर देशवासी को गर्व है। ये वंडर वुमेन न सिर्फ अपने काम को लेकर बल्कि अफसर बनने के अपने संघर्ष को लेकर भी लोगों का सम्मान पाती हैं। तेलांगना की एक महिला अफसर हैं जो 'जनता की अधिकारी' कही जाती हैं। उनके काम करने का अंदाज थोड़ा हटके है। देश की सबसे युवा आईएएस अधिकारी का खिताब भी उनको हासिल है। IAS-IPS सक्सेज स्टोरी में आज हम आपको महज 22 साल की उम्र में अफसर बनीं स्मिता सभरवाल के संघर्ष और चुनौतियों के बारे में बताएंगे।
 

बेहद गरीबी में बीता था इस शख्स का बचपन, अपनी लगन से PCS टॉपर बन कर रच दिया इतिहास
बेहद गरीबी में बीता था इस शख्स का बचपन, अपनी लगन से PCS टॉपर बन कर रच दिया इतिहास

करियर डेस्क. किसी ने सच ही कहा है कि सफलता किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती। सफलता के लिए सिर्फ जरूरी है जोश व लगन। व्यक्ति अपनी मेहनत और जोश के दम पर बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। आज कल अक्सर देखा जा रहा है कि कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अक्सर एक या दो बार असफल होने के बाद नर्वस हो जाते हैं। वह अपना संतुलन खो बैठते हैं उन्हें ये लगने लगता है कि अगर वह सफल न हुए तो जिंदगी में क्या कर सकेंगे। उन्हें आगे का रास्ता नहीं सूझता है।  इन सबको ध्यान में रखते हुए एशिया नेट न्यूज हिंदी ''कर EXAM फतह...'' सीरीज चला रहा है। इसमें हम अलग-अलग सब्जेक्ट के एक्सपर्ट, IAS-IPS के साथ अन्य बड़े स्तर पर बैठे ऑफीसर्स की सक्सेज स्टोरीज, डॉक्टर्स के बेहतरीन टिप्स बताएंगे। एशियानेट न्यूज हिंदी ने  2016 बैच के PCS टॉपर विनोद पांडेय से बात की। इस दौरान उन्होंने अपने संघर्षों व सफलता की कहानी बयां किया। विनोद पांडेय इस समय प्रयागराज में बतौर उप जिलाधिकारी तैनात हैं। 

दिल्ली हिंसा के चलते परीक्षा नहीं दे पाए हैं स्टूडेंट, CBSE करेगा ये खास इंतजाम
दिल्ली हिंसा के चलते परीक्षा नहीं दे पाए हैं स्टूडेंट, CBSE करेगा ये खास इंतजाम

बोर्ड ने शहर में मौजूदा स्थिति के कारण परीक्षा नहीं दे पाए छात्रों की विस्तृत जानकारी मांगी है। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, ‘‘बोर्ड ने स्कूल के प्रधानाचार्यों से 10वीं और 12वीं के ऐसे सभी छात्रों की जानकारी सीबीएसई के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजने को कहा है जो दिल्ली में खराब हालत के चलते अब तक परीक्षा में नहीं बैठ पाए हैं।’’

हाईस्कूल में पढ़ाई के दौरान ही स्कूल ने पिता से कहा था- बेटे को यहां से ले जाइए, वही बेटा बन गया IAS
हाईस्कूल में पढ़ाई के दौरान ही स्कूल ने पिता से कहा था- बेटे को यहां से ले जाइए, वही बेटा बन गया IAS

करियर डेस्क. किसी ने सच ही कहा है कि सफलता किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती। सफलता के लिए सिर्फ जरूरी है जोश व लगन। व्यक्ति अपनी मेहनत और जोश के दम पर बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। आज कल अक्सर देखा जा रहा है कि कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अक्सर एक या दो बार असफल होने के बाद नर्वस हो जाते हैं। वह अपना संतुलन खो बैठते हैं उन्हें ये लगने लगता है कि अगर वह सफल न हुए तो जिंदगी में क्या कर सकेंगे। उन्हें आगे का रास्ता नहीं सूझता है।  इन सबको ध्यान में रखते हुए एशिया नेट न्यूज हिंदी ''कर EXAM फतह...'' सीरीज चला रहा है। इसमें हम अलग-अलग सब्जेक्ट के एक्सपर्ट, IAS-IPS के साथ अन्य बड़े स्तर पर बैठे ऑफीसर्स की सक्सेज स्टोरीज, डॉक्टर्स के बेहतरीन टिप्स बताएंगे। इस कड़ी में आज हम 2017 बैच के IAS आशुतोष द्विवेदी की कहानी आपको बताने जा रहे हैं। 

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