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दुनिया की सबसे संतुष्ट और सबसे असंतुष्ट नौकरियां कौन सी हैं? नई रिसर्च में हुए चौंकाने वाले खुलासे
Most Satisfying Jobs in the World: कुछ नौकरियां दिल खुश कर देती हैं, तो कुछ में तनाव ही तनाव। जानिए दुनिया की सबसे संतुष्ट और असंतुष्ट नौकरियों के बारे में एक नई रिसर्च क्या कहती है। कौन है दुनिया की सबसे संतुष्ट और असंतुष्ट नौकरियों के बारे में।

दुनिया की सबसे संतुष्ट और सबसे असंतुष्ट नौकरियों का खुलासा
आज की दौड़भाग भरी जिंदगी में हर कोई ऐसी नौकरी चाहता है जिससे न सिर्फ अच्छी कमाई हो, बल्कि मन को भी सुकून मिले। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ नौकरियां ऐसी होती हैं जिनमें काम करने वाले लोग सबसे ज्यादा संतुष्ट महसूस करते हैं, जबकि कुछ जॉब्स इतनी बोझिल होती हैं कि लोग उनमें हमेशा तनाव में रहते हैं? हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक स्टडी के जरिए दुनिया की सबसे संतुष्ट और सबसे असंतुष्ट नौकरियों का खुलासा किया है।
किस आधार पर हुई रिसर्च?
यह रिसर्च University of Tartu, Estonia के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है। उन्होंने Estonian Biobank की मदद से करीब 59,000 लोगों और 263 अलग-अलग प्रोफेशन का डेटा एनालाइज किया। ये सभी लोग ब्लड डोनेशन के दौरान एक सर्वे में शामिल हुए, जिसमें उनसे उनकी नौकरी, सैलरी, पर्सनालिटी और जिंदगी की संतुष्टि से जुड़े सवाल पूछे गए।
कौन-सी हैं सबसे संतुष्ट करने वाली नौकरियां?
स्टडी के अनुसार, जिन लोगों की नौकरी में उन्हें उद्देश्य और उपलब्धि का अनुभव होता है, वे सबसे ज्यादा खुश रहते हैं। इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं-
- धार्मिक सेवाओं से जुड़े लोग (Clergy)
- मेडिकल प्रोफेशनल्स (डॉक्टर, नर्स आदि)
- लेखक और रचनात्मक क्षेत्र के लोग
- साइकोलॉजिस्ट और स्पेशल एजुकेशन टीचर्स
- शिप इंजीनियर और मेटल वर्कर जैसे तकनीकी प्रोफेशन
कौन-सी हैं सबसे असंतुष्ट करने वाली नौकरियां?
इसके विपरीत, जो लोग ऐसी नौकरियों में हैं जहां काम की ज्यादा पाबंदियां, कम स्वतंत्रता और जिम्मेदारियों का दबाव है, वो खुद को कम संतुष्ट पाते हैं। इन प्रोफेशन में शामिल हैं-
- सिक्योरिटी गार्ड
- वेटर और सेल्स वर्कर
- सर्वे इंटरव्यूअर
- डाकिया, बढ़ई और केमिकल इंजीनियर
- ट्रांसपोर्ट और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े काम
पैसे और प्रतिष्ठा से नहीं बढ़ती संतुष्टि
रिसर्च में एक और दिलचस्प बात सामने आई कि जॉब की प्रतिष्ठा (prestige) या सैलरी का लोगों की संतुष्टि से कोई बड़ा संबंध नहीं है। स्टडी की लेखिका कैटलिन ऐनी ने बताया कि उन्हें लगा था कि हाई-प्रेस्टीज नौकरियों से ज्यादा संतुष्टि होगी, लेकिन ऐसा नहीं निकला। उनका मानना है कि असली खुशी तब मिलती है जब काम में इंसान को कुछ हासिल करने का अहसास होता है, फिर चाहे उस जॉब की समाज में कितनी भी कम प्रतिष्ठा क्यों न हो।
खुद की मर्जी से काम करने वाले ज्यादा खुश
रिसर्च में यह भी देखा गया कि Self-Employed, यानी खुद का काम करने वाले लोग अक्सर ज्यादा संतुष्ट पाए गए। इसकी वजह यह है कि उनके पास काम का नियंत्रण और लचीलापन होता है।
क्या यह ट्रेंड सिर्फ एस्टोनिया तक सीमित है?
हालांकि यह रिसर्च एस्टोनिया में हुई है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके नतीजे पूरी दुनिया पर लागू हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ संस्कृति आधारित फर्क हो सकते हैं जो लोगों की सोच और काम के अनुभव को प्रभावित करते हैं।