IIT New Course Model 2025: अगर आप IIT में पढ़ाई करने का सपना देख रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज IITs में पढ़ाई का तरीका बदलने जा रहा है। अब वो पुराना जमाना गया, जब स्टूडेंट्स को 5 साल का लंबा ड्यूल डिग्री कोर्स करना पड़ता था। अब यहां पढ़ाई ज्यादा स्मार्ट और कम समय में पूरी होगी। इतना ही नहीं स्टूडेंट्स दो अलग-अलग फील्ड के कॉम्बिनेशन के साथ पढ़ाई कर सकेंगे। यह बदलाव स्टूडेंट्स के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। जानिए क्या है यह नया मॉडल और इससे कैसे बदलेगा इंजीनियरिंग का भविष्य?
IIT स्टूडेंट्स अब एक नहीं, दो सब्जेक्ट में बनेंगे एक्सपर्ट
IITs अब ऐसे कोर्सेस शुरू कर रहे हैं जिनमें स्टूडेंट्स एक साथ दो फील्ड पढ़ सकेंगे। जैसे-
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग + रोबोटिक्स
- फिजिक्स + डेटा साइंस
- केमिस्ट्री + क्वांटम कंप्यूटिंग
- इससे स्टूडेंट्स की प्रोफाइल और स्किल्स और मजबूत बनेंगी, जिससे जॉब और रिसर्च के ज्यादा मौके मिलेंगे।
इंजीनियरिंग डिग्री लेने में समय और मेहनत दोनों की बचत
पहले BTech और MTech मिलाकर 5 साल का ड्यूल डिग्री कोर्स होता था, जिसमें पांचवें साल स्टूडेंट्स थक जाते थे और प्लेसमेंट में भी फर्क पड़ता था। अब बदलाव ये है कि तीसरे साल के बाद ही स्टूडेंट्स चाहें तो MTech में शिफ्ट हो सकते हैं। इससे उन्हें अपनी राह खुद चुनने की आजादी मिलेगी।
IIT स्टूडेंट्स के लिए रिसर्च के खुलेंगे रास्ते
जो स्टूडेंट्स रिसर्च में जाना चाहते हैं, उनके लिए ये मौका बेहतरीन है। IITs अब ऐसे इंजीनियर्स तैयार करना चाहते हैं जो सिर्फ एक ब्रांच के नहीं, सिस्टम लेवल पर सोच सकें। इसीलिए, मल्टी-डिसिप्लिनरी नॉलेज को बढ़ावा दिया जा रहा है।
IIT स्टूडेंट्स को फ्यूचर के लिए तैयार करेंगे नए कोर्स
IIT मद्रास के डायरेक्टर प्रो. कमकोटी के अनुसार सिर्फ एक ब्रांच की पढ़ाई अब पुरानी बात हो गई है। आज का इंजीनियर वही है जो सिस्टम बना सके और सिस्टम बनाने के लिए दो फील्ड की समझ होनी चाहिए।
IIT का नया मॉडल कैसे काम करेगा?
IIT के इस नए मॉडल से BTech के तीसरे साल के बाद स्टूडेंट्स को MTech या दूसरे फील्ड में शिफ्ट होने का मौका मिलेगा। कोर्स पूरी तरह इंडस्ट्री डिमांड पर बेस्ड होगा। स्टूडेंट्स चाहें तो तीसरे साल के बाद सीधे नौकरी भी जॉइन कर सकते हैं। स्टूडेंट्स को नए मॉडल के साथ फिक्स कोर्स स्ट्रक्चर की जगह अब फ्लेक्सिबिलिटी और चॉइस मिलेगी।
इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को सलाह है कि वे सिर्फ ब्रांच चुनने पर ध्यान न दें। अब इंटरडिसिप्लिनरी लर्निंग का जमाना है। जहां एक से ज्यादा स्किल रखने वाला स्टूडेंट ही आगे निकलेगा। इसलिए अपनी रुचि और स्ट्रेंथ के अनुसार कोर्स चुनें। IITs का यह नया कदम न सिर्फ इंजीनियरिंग पढ़ाई के तौर-तरीकों को बदलेगा, बल्कि देश में टैलेंट की क्वालिटी भी बढ़ाएगा।