Space Science Career: जब स्पेस साइंस में करियर बनाने की बात आती है, तो सबसे पहले IIT बॉम्बे, दिल्ली के नाम सामने आते हैं। लेकिन इन सबसे अलग झारखंड में एक ऐसा कॉलेज है, जहां के कई छात्र ISRO और DRDO में वैज्ञानिक बने हैं। जानिए इसके बारे में।

Space Science Careers: देश में स्पेस करियर के लिए पढ़ाई की बात हो, तो अधिकतर लोगों के जेहन में IIT Delhi और IIT Bombay जैसे नाम सबसे पहले आते हैं। क्योंकि सिर्फ इंजीनियर्स नहीं यहां से बड़े-बड़े साइंटिस्ट भी निकले हैं। लेकिन इनसे अलग झारखंड के रांची में एक ऐसा इंजीनियरिंग कॉलेज है, जिसे भारत के वैज्ञानिकों की फैक्ट्री कहा जाता है। यह कॉलेज है BIT Mesra (बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा) जहां से निकले छात्रों ने ISRO, DRDO जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी जगह बनाई है और ऐसे लोगों की लिस्ट भी लंबी है। जानिए

झारखंड के पिछड़े इलाके में चमक रहा यह इंजीनियरिंग कॉलेज

झारखंड को देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाता है, जहां एजुकेशन रिसोर्सेज आज भी सीमित हैं। लेकिन इन्हीं सीमाओं के बीच BIT Mesra ने न सिर्फ एक अलग पहचान बनाई है, बल्कि भारत को दर्जनों टैलेंटेड साइंटिस्ट भी दिए हैं। यह संस्थान इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए जाना जाता है। लेकिन इसकी Space Engineering and Rocketry Department, जो अपने आप में अनोखा है।

ISRO से भी पहले बना था BIT Mesra का स्पेस डिपार्टमेंट

BIT Mesra का स्पेस इंजीनियरिंग और रॉकेट्री डिपार्टमेंट 1964 में शुरू किया गया था, जबकि ISRO की स्थापना 1969 में हुई थी। यानी देश में जब अंतरिक्ष विज्ञान की नींव रखी जा रही थी, तब BIT Mesra पहले ही इस दिशा में तैयारी कर रहा था। यहां से न सिर्फ M.Tech और PhD कोर्स होते हैं, बल्कि स्पेस टेक्नोलॉजी में एयरोडायनामिक्स और रॉकेट प्रोमोशन जैसे स्पेशलाइजेशन भी उपलब्ध हैं।

प्लेसमेंट में भी आगे है BIT Mesra

BIT Mesra में हर साल ISRO खुद प्लेसमेंट के लिए आता है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और रॉकेट्री डिपार्टमेंट के हेड डॉ. प्रियंक कुमार के अनुसार यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतरीन है और 2 साल की फीस लगभग 16 से 18 लाख रुपये के बीच है। लेकिन छात्रों को जो एक्सपोजर और गाइडेंस यहां मिलता है, वो इस कोर्स को बेहद खास बनाता है।

BIT Mesra से पढ़ कर कौन-कौन पहुंचे ISRO और DRDO?

BIT Mesra से पढ़कर कई छात्र ISRO और DRDO में वैज्ञानिक बने हैं। कुछ प्रमुख नामों में शामिल हैं-

  • निगार शाजी- ISRO की आदित्य L1 मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर
  • ईवीएस नंबूदरी- चेयरमैन, क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट, ISRO
  • पद्मश्री एमसी दाथन- विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर
  • एके चक्रवर्ती और सिबनाथ सोम- डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी
  • डॉ डी नारायण- एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी
  • आरडी स्वामी- DRDO साइंटिस्ट

जहां देश के अधिकतर छात्र IITs के सपने देखते हैं, वहीं BIT Mesra चुपचाप स्पेस साइंस के फील्ड में क्रांति ला रहा है। यह संस्थान दिखाता है कि यदि विजन और रिसोर्सेज सही हों, तो छोटे शहरों से भी बड़े-बड़े वैज्ञानिक निकल सकते हैं। अगर आपका सपना ISRO या DRDO में काम करने का है, तो BIT Mesra आपके लिए एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म हो सकता है।