सार
Free MBA in IIM: छत्तीसगढ़ के युवाओं को IIM रायपुर में मुफ्त MBA करने का मौका है। मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलोशिप के तहत ₹50,000 मासिक स्कॉलरशिप भी मिलेगी। आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक है।
Free MBA at IIM Raipur: छत्तीसगढ़ के होनहार युवाओं के लिए एक शानदार मौका सामने आया है। IIM रायपुर में अब बिना फीस दिए दो साल का एमबीए किया जा सकता है। खास बात यह है कि यह मौका सिर्फ पढ़ाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए छात्र-छात्राएं सीधे सरकार के साथ काम करने का अनुभव भी हासिल कर पाएंगे। यह संभव हो पाया है मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नई योजना ‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलोशिप’ की वजह से, जिसके तहत छात्रों को न केवल पूरी फीस से राहत दी जाएगी, बल्कि हर महीने 50,000 रुपये की स्कॉलरशिप भी दी जाएगी।
IIM रायपुर में दो साल के एमबीए प्रोग्राम की फीस करीब 9.7 लाख रुपये, फेलोशिप के जरिए बिल्कुल फ्री
IIM रायपुर देश के टॉप मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स में शामिल है और यहां के दो साल के एमबीए प्रोग्राम की फीस करीब 9.7 लाख रुपये है। लेकिन इस खास फेलोशिप के तहत यह पूरी राशि छत्तीसगढ़ सरकार वहन करेगी। इस योजना के तहत IIM रायपुर में "पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस" विषय में दो साल की एमबीए डिग्री दी जाएगी।
IIM रायपुर में फेलोशिप के लिए कब तक कर सकते हैं आवेदन
इस फेलोशिप के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 11 मई तय की गई है। यानी अगर आप इस मौके को पाना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन करना जरूरी है।
IIM रायपुर में फेलोशिप आवेदन के लिए जरूरी योग्यता
अब बात करें इसके लिए जरूरी योग्यता की, तो इस कोर्स में सिर्फ छत्तीसगढ़ के निवासी ही अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा उम्मीदवार के पास 2022, 2023 या 2024 में किसी भी वर्ष का वैध CAT स्कोर होना चाहिए। साथ ही ग्रेजुएशन में सामान्य वर्ग के छात्रों को कम से कम 60 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के छात्रों को 55 प्रतिशत अंक जरूरी हैं।
IM रायपुर से पढ़ाई के साथ सरकार के विभिन्न विभागों में काम का भी मिलेगा अनुभव
इस फेलोशिप का उद्देश्य सिर्फ शैक्षणिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव से भी जुड़ा है। छात्र न केवल IIM रायपुर से पढ़ाई करेंगे, बल्कि सरकार के विभिन्न विभागों और जिलों में प्रशासनिक अनुभव भी प्राप्त करेंगे। इतना ही नहीं, उन्हें अपने प्रोजेक्ट्स और सुझाव सीधे मुख्यमंत्री के सामने रखने का मौका भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि इस पहल का मकसद राज्य के युवाओं को नीतियों के निर्माण में सहभागी बनाना है, ताकि वे आगे चलकर छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक नींव को और मजबूत बना सकें। कुल मिलाकर यह योजना पढ़ाई और प्रशासन का एक अनूठा संगम है, जो युवाओं को एक नया विजन और प्लेटफॉर्म दोनों प्रदान करती है।