सार

Raj Krishna Jha UPSC Success Story: सीतामढ़ी के राज कृष्णा झा ने UPSC में 8वीं रैंक हासिल की। उन्हें यह सफलता अपने पांचवें प्रयास में मिली। जॉब के साथ परीक्षा के दौरान रोज 14-15 घंटे की पढ़ाई करने वाले राज कृष्णा झा की सक्सेस जर्नी पढ़ें।

UPSC Success Story: सीतामढ़ी जिले के अथरी पंचायत के छोटे से गांव में जन्मे और पले-बढ़े राज कृष्णा झा ने देशभर के लाखों युवाओं के लिए मिसाल पेश की है। 27 साल के इस युवक ने न सिर्फ UPSC जैसी कठिन परीक्षा पास की, बल्कि पांचवें प्रयास में टॉप 10 में जगह बनाकर यह साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और सही रणनीति से कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं होता।

राज कृष्णा झा का बचपन नेपाल में बीता, वहीं से शुरू हुई पढ़ाई

राज कृष्णा झा की शुरुआती पढ़ाई नेपाल के भितामोड़ बॉर्डर के पास के एक स्कूल से हुई थी। इसके बाद उन्होंने बिहार बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास की और फिर मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT), इलाहाबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech किया।

जॉब से UPSC तक का सफर

इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने 2018 में हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) में जॉब शुरू की और फिर 2019 में भारत पेट्रोलियम (BPCL) के कोल्हापुर डिविजन में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर काम किया। जॉब के साथ-साथ वे UPSC की तैयारी करते रहे।

दो बार प्रीलिम्स में फेल, चौथी बार दो नंबर से चूके

राज ने बताया कि पहले दो प्रयासों में वे प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में उन्होंने मेन्स में 739 मार्क्स हासिल किए, लेकिन फाइनल कट-ऑफ से सिर्फ 2 नंबर से चूक गए। इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि अगली बार वे टॉप 10 में आएंगे। आखिरकार उन्होंने कर दिखाया और अपने 5वें प्रयास में UPSC 2024 में 8वीं रैंक हासिल की।

राज कृष्णा झा की यूपीएससी प्रिपरेशन स्ट्रेटजी: रोज 14–15 घंटे की पढ़ाई, पिता से मिली सीख

राज कहते हैं, "मैंने परीक्षा के दौरान हर दिन करीब 14 से 15 घंटे पढ़ाई की। मॉक टेस्ट में मेरा प्रदर्शन लगातार अच्छा हो रहा था, जिससे मुझे भरोसा था कि इस बार कुछ बड़ा होगा।" उनके पिता सुनील कुमार झा नेपाल के एक निजी स्कूल में शिक्षक हैं। राज बताते हैं कि उनके पिता न सिर्फ उनकी प्रेरणा हैं, बल्कि उनके पहले गुरु भी हैं। दादा जी सुलपानी झा गांव के हेडमास्टर रहे हैं और बहन MBBS डॉक्टर हैं। एक शिक्षित परिवार ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की सीख दी।

UPSC के लिए हिन्दी और भूगोल को सब्जेक्ट चुना

राज ने UPSC परीक्षा में हिंदी और भूगोल (Geography) को अपने मुख्य विषय के रूप में चुना था। राज की सफलता पर उनके गांव में जबरदस्त खुशी है। अथरी पंचायत के उपमुखिया त्रिपुरारी कुमार ने कहा, राज कृष्णा की सफलता पूरे इलाके के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। पूरे गांव को उन पर गर्व है। राज कृष्णा झा की सफलता की कहानी एक सीधी बात कहती है कि असफलता अंत नहीं, नई शुरुआत होती है। लगातार मेहनत, धैर्य और खुद पर विश्वास आपको किसी भी लक्ष्य तक पहुंचा सकता है।