सार
Kshitij Sharma UPSC Success Story: भोपाल के क्षितिज शर्मा ने UPSC में 58वीं रैंक हासिल की। COVID-19 के दौरान कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर बिना कोचिंग UPSC की तैयारी शुरू की, पहले प्रयास में असफलता मिली, लेकिन हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में सफलता पाई।
Kshitij Sharma UPSC Success Story: भोपाल के रहने वाले क्षितिज शर्मा ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 58वीं रैंक प्राप्त कर एक अहम मुकाम हासिल किया है। उनकी सफलता की कहानी केवल मेहनत और समर्पण की नहीं, बल्कि उस संघर्ष की भी है, जिसने उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का हौसला दिया। जानिए क्षितिज की UPSC जर्नी, उनकी चुनौतियां और सफलता के पीछे का राज।
कॉर्पोरेट लॉ फर्म में काम करने वाले क्षितिज शर्मा ने COVID-19 के दौरान लिया करियर बदलने का फैसला
क्षितिज शर्मा ने अपनी UPSC यात्रा की शुरुआत 2021 में की थी। इसके पहले वे मुंबई में एक कॉर्पोरेट लॉ फर्म में काम कर चुके थे। लेकिन COVID-19 के दौरान, उन्होंने अपना करियर बदलने का फैसला किया और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि, इस निर्णय से पहले वे अपने पुराने करियर से बहुत संतुष्ट थे, लेकिन उनका मन कुछ और ही चाहता था। वे कहते हैं, COVID-19 के दौरान ही मैंने तय किया कि मुझे अब सिविल सेवा की ओर कदम बढ़ाना है। मैंने महसूस किया कि यदि मुझे अपने जीवन में कोई बड़ा परिवर्तन करना है तो यह वह समय है। क्षितिज के अनुसार, उनकी यह यात्रा आसान नहीं थी।
पहले प्रयास में UPSC असफलता, लेकिन हार नहीं मानी
क्षितिज शर्मा ने UPSC परीक्षा में अपना पहला प्रयास 2021 में दिया, लेकिन उस बार वे सफलता प्राप्त नहीं कर पाए। वे मानते हैं कि इस परीक्षा में सफलता की कोई गारंटी नहीं होती। पहले प्रयास में असफलता का सामना करने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कमियों पर काम करते हुए अगले प्रयास के लिए तैयारी में जुट गए और दूसरे प्रयास में यूपीएससी ऑल इंडिया रैंक 58 हासिल किया। वे कहते हैं, “मैं भी पहली बार असफल हुआ था, लेकिन मैंने अपनी गलती से सीखा और अपने आत्मविश्वास को बनाए रखा। मैंने खुद से यह वादा किया कि अगली बार मैं और भी बेहतर करूंगा।” उनका यह आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय ही उन्हें सफलता की ओर ले गया।
क्षितिज शर्मा की UPSC प्रिपरेशन स्ट्रेटजी, बिना कोचिंग की तैयारी
क्षितिज शर्मा ने अपनी तैयारी के दौरान कई महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान केंद्रित किया। उनके अनुसार, UPSC जैसे कठिन और प्रतिस्पर्धी परीक्षा में सफलता पाने के लिए निरंतरता, कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास करना आवश्यक है। क्षितिज अपनी तैयारी के दौरान एकदम ठान चुके थे कि वह इस परीक्षा को क्रैक करेंगे और इसके लिए उन्होंने कुछ खास टिप्स और स्ट्रेटजी अपनाई।
निरंतरता और समर्पण: क्षितिज मानते हैं कि UPSC की तैयारी में सबसे महत्वपूर्ण बात है निरंतरता बनाए रखना। उनका कहना है कि दिन में आठ से दस घंटे लगातार पढ़ाई करनी चाहिए, लेकिन यह पढ़ाई गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए।
ऑनलाइन सोर्स का उपयोग: क्षितिज ने बिना कोचिंग के तैयारी की। वह मानते हैं कि आजकल इंटरनेट पर इतने कंटेंट उपलब्ध है कि बिना कोचिंग के भी UPSC की तैयारी की जा सकती है। उन्होंने यूट्यूब, वेबसाइट्स और ऑनलाइन कोर्सेज का पूरा लाभ उठाया।
मनोबल बनाए रखना: क्षितिज के अनुसार, इस परीक्षा में सबसे बड़ी चुनौती मानसिक रूप से मजबूत बने रहना है। यह परीक्षा न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी कठिन है। इसलिए उन्होंने हर स्थिति में सकारात्मक सोच बनाए रखने की कोशिश की।
परिवार का योगदान, मां ने निभाया अहम रोल
क्षितिज शर्मा अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, खासकर अपनी मां को देते हैं। उनका कहना है, “मेरी मां ने इस सफर में मेरी सबसे बड़ी मदद की। उनके समर्थन और मार्गदर्शन के बिना यह सफर इतना आसान नहीं होता। उनके आशीर्वाद से ही मुझे अपनी मेहनत और प्रयासों में सफलता मिली।"
क्षितिज शर्मा की आगे की योजनाएं और लक्ष्य
अब जब क्षितिज शर्मा IAS अधिकारी बनने वाले हैं, तो उनका ध्यान मध्य प्रदेश में समाज सेवा पर है। उनका मानना है कि उनकी प्राथमिकता रोजगार सृजन, महिलाओं की श्रम बल में अधिक भागीदारी और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए कार्य करना है। वे कहते हैं, “मेरी योजना है कि मैं उन इलाकों में काम करूं जहां रोजगार की कमी है और जिन लोगों के पास अवसर नहीं हैं। मुझे आशा है कि मैं अपना योगदान दे सकूंगा और समाज में बदलाव ला सकूंगा।" क्षितिज शर्मा की कहानी यह बताती है कि अगर सच्ची मेहनत और समर्पण से किसी लक्ष्य को पाने की इच्छा हो, तो कोई भी कठिनाई आपको उस लक्ष्य तक पहुंचने से रोक नहीं सकती। उन्होंने अपनी असफलताओं से सीखा और कभी हार नहीं मानी। उनकी सफलता उन सभी UPSC aspirants के लिए एक प्रेरणा है जो मानते हैं कि असफलता ही अंतिम सत्य नहीं है, बल्कि यह सफलता की ओर एक कदम और बढ़ने का अवसर है।