Vijay Mallya Net Worth: मशहूर कारोबारी विजय माल्या ने 9 साल बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने हाल ही में यूट्यूबर राज शमानी के पॉडकास्ट में अपनी जिंदगी और बिजनेस से जुड़े कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान माल्या ने कहा- मैं भगोड़ा नहीं बिजनेसमैन हूं। 2 मार्च 2016 को जेनेवा में एक मीटिंग के लिए जब मैं लंदन निकल रहा था, तो उस वक्त मैंने अरुण जेटली को बताया कि मैं जा रहा हूं और सेटलमेंट की बात करूंगा। लेकिन पासपोर्ट रद्द होने से मैं यहीं फंस गया। बता दें कि विजय माल्या पर 6200 करोड़ का बैंक लोन फ्रॉड केस है।
कितनी है विजय माल्या की नेटवर्थ
फोर्ब्स के अनुसार, 2013 में विजय माल्या की कुल संपत्ति 75 मिलियन डॉलर थी। वहीं, जुलाई 2022 में द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी संपत्ति का कुल मूल्य 1.2 अरब डॉलर (वर्तमान में 10283 करोड़ रुपए) था। फरवरी 2025 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, विजय माल्या के पास कथित तौर पर दुनिया भर में कई संपत्तियां हैं।
- लंदन: 18 और 19 कॉर्नवाल टेरेस में संपत्ति। यहां 1823 की ऐतिहासिक इमारतें।
- हर्टफोर्डशायर, यूके: लेडीवॉक मेंशनन, 2015 में खरीदा गया।
- मुंबई, भारत: नीलाद्रि, नेपियन सी रोड पर एक आलीशान बंगला।
- बेंगलुरू, भारत: किंगफिशर टावर्स में एक आलीशान पेंटहाउस।
- कैलिफोर्निया, अमेरिका: सॉसलिटो में एक आलीशान हवेली
- न्यूयॉर्क, अमेरिका: 2010 में 2.4 मिलियन डॉलर में खरीदा गया ट्रम्प प्लाजा पेंटहाउस।
- फ्रांस: कान्स के पास सैंटे-मार्गुएराइट आइलैंड पर ले ग्रांडे जार्डिन एस्टेट।
लोन से ढाई गुना रकम बैंकों को दे चुका
5 फरवरी, 2025 को विजय माल्या कर्नाटक हाईकोर्ट में पेश हुए और दावा किया कि मैंने 17 बैंकों से 6,203 करोड़ का लोन लिया। लेकिन बैंकों ने इससे कहीं ज्यादा 14,131.6 करोड़ रुपए रिकवर किए। यानी मैं लोन से ढाई गुना ज्यादा कर्ज चुका हूं। उन्होंने बताया कि डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल के वसूली प्रमाणपत्र में 11.5% ब्याज सहित लगभग 6,203 करोड़ रुपये का लोन दिखाया गया है। कुल कर्ज 4 संस्थाओं पर था, जिनमें किंगफिशर एयरलाइंस, यूनाइटेड ब्रुअरीज, विजय माल्या और किंगफिशर फिनवेस्ट शामिल हैं।
कैसे डूबी किंगफिशर एयरलाइंस
विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस शुरू होने और डूबने की कहानी भी बताई। उन्होंने कहा- बेटे सिद्धार्थ के 18वें बर्थडे पर मैंने साल 2005 में किंगफिशर एयरलाइंस शुरू की थी। 2008 तक ये भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन बन चुकी थी। लेकिन 2008 में आई ग्लोबल महामंदी की चपेट में आने के बाद फाइनेंशियल क्राइसिस शुरू हो गया। इसके बाद एटीएफ की बढ़ती कीमतें, भारी टैक्स और विदेशी निवेश की कमी के चलते कंपनी को बड़ा घाटा हुआ। UB ग्रुप ने इसे उबारने के लिए 3000 करोड़ रुपए का बेलआउट पैकेज भी दिया, लेकिन 2012 में एयरलाइन बंद करनी पड़ी।