सार
UPI New Rules : यूपीआई में पुल ट्रांजैक्शन फीचर बंद हो सकता है। पेमेंट फ्रॉड रोकने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) बैंकों से बातचीत कर रही है। इसके कस्टमर्स को कई सारे फायदे हो सकता हैं।
UPI Rules Change : यूपीआई में बड़ा बदलाव आने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) जल्द ही ऑटो-डेबिट वाला पुल ट्रांजैक्शन फीचर बंद कर सकता है। ऐसा पेमेंट फ्रॉड रोकने और UPI के जुड़े सिक्योरिटी फीचर्स को मजबूत बनाने के लिए किया जा रहा है। इसे लेकर NPCI की बैंकों से बातचीत चल रही है। कहा जा रहा है कि इस फीचर से बंद होने के बाद यूपीआई से जुड़े साइबर फ्रॉड में कमी आ सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर पुल ट्रांजैक्शन होता क्या है, इसके बंद होने से आपका क्या फायदा है...
UPI का पुल ट्रांजैक्शन फीचर क्या होता है
जब भी आप किसी शॉप या मॉल में UPI से पेमेंट करते हैं तो यह दो तरह से होता है। पुल ट्रांजैक्शन और पुश ट्रांजैक्शन। पुल ट्रांजैक्शन में मर्चेंट किसी सामान या सर्विस के बदले कस्टमर को पेमेंट के लिए रिक्वेस्ट भेजता है। इसमें पेमेंट की राशि पहले से ही तय होती है। कस्टमर्स को केवल अपना UPI पिन डालना पड़ता है। वहीं, पुश ट्रांजैक्शन में आप QR कोड स्कैन कर या मोबाइल नंबर से पैसा भेजते हैं। इसमें कस्टमर पेमेंट की रकम खुद डालते हैं।
पुल ट्रांजैक्शन फीचर बंद होने में आपका क्या फायदा
- कहीं भी पेमेंट करने के लिए कस्टमर यानी आपके अप्रूवल की जरूरत होगी।
- ऑटो-डेबिट सब्सक्रिप्शन बंद हो जाएंगे, जिससे फ्रॉड का खतरा कम होगा।
- आप बार-बार पेमेंट न करने से गैरजरूरी खर्चों से बच सकते हैं।
- यूपीआई से पेमेंट ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।
- NPCI और बैंकों का समय और संसाधन दोनों बचेगा।
क्या UPI पुल ट्रांजैक्शन फीचर बंद होने से नुकसान भी हैं
पुल ट्रांजैक्शन के बंद होने से ऑटो-डेबिट बेस्ड सब्सक्रिप्शन और बिल पेमेंट्स प्रभावित हो सकता है, क्योंकि कई कस्टमर्स मंथली EMI, मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल, गैस और अन्य बिल ऑटो-डेबिट पर ही सेट करके देते हैं। हर महीने उनके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं लेकिन इस फीचर के बंद होने के बाद इसे मैन्युअली ही करना पड़ेगा। हालांकि, यह इतना बड़ा नुकसान नहीं है, जो किसी के लिए परेशानी का सबब बने।
पुल ट्रांजैक्शन फीचर कब तक बंद होगा
NPCI,पुल ट्रांजैक्शन फीचर को बंद करने के लिए अभी बैंकों से बातचीत कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अभी बातचीत की प्रक्रिया पहले ही फेज में है। जैसे ही सहमति बनती है तो यह फीचर बंद कर दिया जाएगा।