सार
पान की गुमठी चलाने वाले एक शख्स ने अपनी मेहनत और आगे बढ़ने की ललक से 2500 करोड़ रुपए का बिजनेस एम्पायर खड़ा किया। संघर्षों से भरी उनकी कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।
Share market positive Stories: कहते हैं, मन में कुछ बड़ा करने की ख्वाहिश हो और आप उसके पीछे लग जाओ, तो वो चीज देर से ही सही लेकिन पूरी जरूर होती है। ऐसी ही कहानी है पुणे के रहने वाले जतिन सूरतवाला की, जो कभी पान की गुमठी लगाते थे। लेकिन उन्होंने अपने दिमाग और मेहनत के बलबूते 2500 करोड़ का एम्पायर खड़ा कर दिया। हालांकि, जतिन ने फर्श से अर्श तक पहुंचने में बहुत संघर्ष किया। उनकी कहानी लाखों-करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है। जानते हैं पान की गुमठी से करोड़ों का बिजनेस खड़ा करने वाले शख्स की कहानी।
आसान नहीं था सफर
जतिन सूरतवाला का बचपन पुणे में बीता। पिता की पान की दुकान थी। 15 साल की उम्र तक जतिन का बचपन अच्छे से चल रहा था। इसी बीच 25 जनवरी, 1987 को अचानक मेरे सिर से पिता का साया उठ गया। इसके बाद मेरे भाई ने पान की दुकान संभालनी शुरू की। वहीं, मेरी मम्मी-बहन ने ढोकला-इडली बेचने का काम शुरू किया। मेरे घरवालों ने मुझ तक कोई प्रेशर नहीं आने दिया। लेकिन मेरे मन में ये सवाल उठते थे कि मुझे भी अपने परिवार का सपोर्ट करना चाहिए।
दिवाली पर शुरू किया पटाखों का बिजनेस
इसी बीच, दिवाली से ठीक पहले मैंने पटाखों का बिजनेस शुरू किया। हर साल सीजन पर मैं इससे कुछ पैसा कमाने लगा और उसे जमा करने लगा। इन पैसों से मैंने VCR खरीदा और धीरे से अपना केबल का बिजनेस डाल लिया। इसी बीच, 1991 में मेरी बहन की शादी तय होगी। हम सब लोग गुजरात चले गए। कुछ ही दिन बाद मां हम सबको छोड़कर चली गई। मां को खोने के बाद ऐसा लगा, जैसे मैं इस दुनिया में अकेला हो गया हूं।
दुकान के लिए उधारी में लेना पड़ा सामान
पानी की दुकान के लिए मुझे और भाई को उधार में सामान लेना पड़ा। इसके लिए हमने सामनेवाले ने हमें 15 दिन का वक्त दिया। किसी तरह हमने समय पर पूरा पेमेंट कर दिया और मार्केट में हमारी साख बन गई।
पेन ने कैसे बदली किस्मत
जतिन के मुताबिक, एक दिन मैं दुकान पर बैठा था। वहां एक कस्टमर आया और उसने पान का ऑर्डर दिया। इस दौरान वो लगातार मेरी दुकान में रखे सामान को देखता रहा। कुछ देर बाद उन्होंने कुछ चीजों की तरफ इशारा करते हुए पूछा ये क्या है? मैंने उनसे कहा- इम्पोर्टेड परफ्यूम है। इसके बाद उन्होंने एक इम्पोर्टेड पेन देते हुए कहा- ये आप अपनी दुकान में रखेंगे? मैंने कहा- ठीक है लेकिन इसका पैसा आपको बिकने के बाद दूंगा। वो तैयार हो गए।
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जब पान से ज्यादा मुनाफा देने लगा पेन
कुछ ही देर बाद एक कस्टमर आया और उसने पान खाते हुए वो पेन देखा। उसने कीमत पूछी तो मैंने 35 रुपए बताई। ये पेन मैंने 18 रुपए में लिया था। इसके बाद उस कस्टमर ने वो पेन खरीद लिया। मुझे लगा पान बेचकर दिनभर में मैं कितना कमाता हूं, लेकिन इस पेन से तो सीधे डबल मुनाफा हो रहा है। मुझे ये बिजनेस अच्छा लगा। दूसरे दिन जब वो शख्स वापस आया और पूछा-क्या पेन बिक गया? मैंने कहा- 10 मिनट में बिक गया। इसके बाद उसने मुझे और पेन दिए। धीरे-धीरे धंधा अच्छा चलने लगा। पान से ज्यादा कमाई पेन से होने लगी।
मैंने मसाले की एजेंसी खोल ली
पान और पेन से जब अच्छी कमाई होने लगी तो मैंने पूरा बिजनेस भाई को सौंपकर मसाले की एजेंसी ले ली। कई बार ड्राइवर नहीं आता, तो मैं खुद ऑटो चलाकर जगह-जगह मसालों की डिलिवरी करने लगा। धीरे-धीरे मेरा बिजनेस चलने लगा और मैं पहले C&F और बाद में सुपर स्टॉकिस्ट लेवल पर पहुंच गया। अब मेरा केबल का, पान-पेन और मसालों का बिजनेस चल रहा था। इसी बीच, मैंने एक दोस्त के साथ मिलकर कंस्ट्रक्शन लाइन में काम शुरू किया। ये काम भी धीरे-धीरे चल निकला।
2008 में बनाई सूरतवाला कंस्ट्रक्शन कंपनी
जतिन के मुताबिक, 2008 में मैंने सूरतवाला बिजनेस ग्रुप के नाम से अपनी खुद की कंपनी खोली। 2017 में मेरे एक मित्र ने कहा- हम कुछ एन्टरप्रेन्योर बीएसई के हेडक्वार्टर जा रहे हैं, जहां वो एक्सप्लेन करने वाले हैं कि छोटी कंपनियां खुद को मार्केट में कैसे लिस्ट करवा सकती हैं। इसके बाद मैं वहां गया और BSE-SME के हेड से मिला। उन्होंने हमें लिस्टिंग के फायदे और फ्यूचर अपॉर्चुनिटीज के बारे में बताया।
अगस्त 2020 में लिस्ट हुई सूरतवाला बिजनेस ग्रुप
इसके बाद, 13 अगस्त 2020 को मैंने अपनी कंपनी BSE के SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट करवाई। शुरुआत में मेरी कंपनी की मार्केट वैल्यू 26 करोड़ थी। बाद में मेरी कंपनी से निवेशकों ने अच्छा पैसा बनाया, जिसके लिए बीएसई की तरफ से 2021 में मुझे टॉप परफॉर्मर का अवॉर्ड भी दिया। 2023 में मैंने अपनी कंपनी को NSE और BSE के मेनबोर्ड पर माइग्रेट करवाई। इसी साल मैंने सोलर बेस्ड एक सबसिडरी कंपनी खोली। अब मेरी कंपनी का वैल्यूएशन 2500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। मेरी कंपनी अब टॉप-1600 कंपनियों में है, लेकिन मेरा लक्ष्य है कि मैं उसे टॉप-500 कंपनियों में लाऊं।
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