किराये के मकान में रहने वालों के लिए HRA क्लेम करने के नियम बदले हैं। नए ITR फॉर्म में अब ज़्यादा जानकारी देनी होगी, खासकर अगर आपका मासिक किराया ₹8,333 से ज़्यादा है। क्या पैन कार्ड देना अब ज़रूरी है? जानिए पूरी जानकारी।
किराये के मकान में रहने वालों के लिए हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) क्लेम करने के नियमों में कुछ बदलाव हुए हैं। नए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म में अब कुछ अतिरिक्त जानकारी देनी होगी। कई लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या मकान मालिक का पैन कार्ड देना जरूरी है?
कब है पैन कार्ड जरूरी?
कुछ स्थितियों में मकान मालिक का पैन कार्ड देना अनिवार्य है। अगर आप सालाना 1 लाख रुपये से ज्यादा किराया देते हैं (यानी महीने का 8,333 रुपये से ज्यादा), तो मकान मालिक का पैन नंबर देना जरूरी है। ऐसा न करने पर आपको एचआरए का फायदा नहीं मिलेगा। गलत पैन नंबर देने पर भी आपको नोटिस मिल सकता है और एचआरए का लाभ पूरी तरह से खत्म हो सकता है। पहले ऑनलाइन ITR फॉर्म में एचआरए की जानकारी के लिए अलग से जगह नहीं होती थी, लेकिन इस साल से बदलाव के कारण ये जानकारी देनी होगी।
नए ITR फॉर्म में क्या बदलाव हैं?
नए ITR एक्सेल फॉर्म में एचआरए क्लेम करने वालों को ये जानकारी देनी होगी…
नौकरी की जगह पर मिला हुआ असली एचआरए
दिया गया असली किराया
सेक्शन 17(1) के हिसाब से सैलरी की जानकारी
बेसिक सैलरी
पैन कार्ड क्यों माँगा जा रहा है?
सरकार किराये के लेन-देन पर नज़र रखना चाहती है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अगर आपको किराये से कमाई हो रही है, तो आप उस पर टैक्स दे रहे हैं या नहीं। इससे टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी।
ध्यान रखने योग्य चार बातें
- मासिक किराया 8,333 रुपये से कम (सालाना 1 लाख से कम): मकान मालिक का पैन नंबर जरूरी नहीं।
- मासिक किराया 8,333 से 50,000 रुपये के बीच (सालाना 1 लाख से 6 लाख के बीच): मकान मालिक का पैन नंबर जरूरी है।
- मासिक किराया 50,000 रुपये से ज्यादा (सालाना 6 लाख से ज्यादा): मकान मालिक का पैन नंबर देने के साथ-साथ किराये पर TDS भी काटना होगा।
- अगर मकान मालिक के पास पैन नहीं है: अगर मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं है, तो आपको उनका नाम और पता लिखकर एक हलफनामा देना होगा। लेकिन अगर उनके पास पैन है और वो नहीं दे रहे हैं, तो आपको एचआरए का फायदा नहीं मिलेगा।