Israel Iran Tension Beauty Industry Connection : इजराइल-ईरान वॉर का असर अब आपकी ब्यूटी क्रीम और परफ्यूम पर भी दिख सकता है। क्योंकि इन प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले रॉ मटेरियल पेट्रोलियम बेस्ड होते हैं।
Israel Iran War Impact on Beauty Products : इजराइल-ईरान में जंग जारी है। इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अटैक किया है। तेहरान की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई जारी है। ईरान ने 150 मिसाइलें दागीं हैं। इस वॉर का असर इन दोनों देशों के अलावा भारत और बाकी दुनिया पर भी पड़ रहा है। अगर ये जंग लंबी चली तो इससे क्रूड ऑयल की कीमतें तो बढ़ेंगी ही पेट्रोल-डीजल, सोना-चांदी भी महंगे हो जाएंगे। इतना ही नहीं आपकी फेवरेट खुशबू वाली ब्रांडेड परफ्यूम, फेस सीरम और सिल्की स्किन देने वाली क्रीम भी महंगी हो सकती है। मतलब आपकी ड्रेसिंग टेबल का खर्च ग्लोबल पॉलिटिक्स और जियो-इकोनॉमिक गेम की वजह से बढ़ सकता है। आइए जानते हैं मिडिल ईस्ट में चल रहे टेंशन से आपके परफ्यूम्स और ब्यूटी क्रीम्स का क्या कनेक्शन है?
इजराइल-ईरान वॉर से परफ्यूम क्यों महंगा होगा?
ज्यादातर लोगों को लगता है कि परफ्यूम सिर्फ खुशबू से जुड़ी चीज है, लेकिन असल में इसका दिल पेट्रोलियम है। जी हां, अधिकरत परफ्यूम और डिओडरेंट में इस्तेमाल होने वाले सॉल्वेंट्स, अल्कोहल बेस और सिंथेटिक कंपाउंड्स पेट्रोलियम से ही बनते हैं। अब अगर मिडिल ईस्ट यानी खाड़ी देशों में तनाव बढ़ता रहा, तो ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें (Crude Oil Prices) आसमान छूने लगेंगी और जब कच्चा तेल महंगा होगा, तो परफ्यूम बनाने का बेसिक रॉ मटेरियल भी महंगे हो जाएंगे।
क्या ब्यूटी क्रीम्स और स्किनकेयर प्रोडक्ट्स की कीमत भी बढ़ेगी?
स्किन केयर की बात करें तो जिन क्रीम्स में आप 'मॉयश्चराइजिंग' और 'सॉफ्ट स्किन' पढ़कर खुश हो जाते हैं, उनके पीछे भी क्रूड ऑयल की केमिस्ट्री छिपी है। पेट्रोलियम जेली, पैराबेन्स, मिनरल ऑइल, ये सब पेट्रोलियम डेरिवेटिव्स हैं और अगर यही महंगे हो गए, तो स्किन क्रीम्स, बॉडी लोशन, सनस्क्रीन और फेस मास्क की कीमत भी धीरे-धीरे चढ़ती चली जाएंगी।
मिडिल ईस्ट में तनाव से कॉस्मेटिक इंडस्ट्री टेंशन में क्यों?
इंटरनेशनल ब्यूटी ब्रांड्स जैसे- L'Oreal, Unilever Estee Lauder पहले से ही रॉ मटेरियल की कॉस्ट को लेकर टेंशन में हैं। ऐसे में अगर मिडिल ईस्ट से क्रूड ऑयल की सप्लाई कम हुई या सप्लाई चेन ब्लॉक हुई, तो कॉस्मेटिक इंडस्ट्री को रॉ मटेरियल मंगाने में समस्या होगी, जिससे मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ जाएगी और मार्जिन घटेगा।
क्या इसका असर इंडिया में भी होगा?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिलकुल भारत में भी इसका असर होगा, क्योंकि हमारा देश दुनिया की टॉप ब्यूटी कंज्यूमर मार्केट्स में से एक है। यहां की कंपनियां भी इंटरनेशनल कंपोनेंट्स पर डिपेंड करती हैं। चाहे वह स्किन वाइटनिंग क्रीम हो, मेकअप किट या हेयर जेल, रॉ मटेरियल का बड़ा हिस्सा बाहर से आता है। GST या टैक्स नहीं बढ़ेगा, लेकिन बेसिक इनपुट कॉस्ट बढ़ेगा और उसका सीधा असर प्रोडक्ट के प्राइस टैग पर पड़ेगा।
क्या हमें घबराने की जरूरत है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी किसी को इससे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन यदि युद्ध (Israel Iran War) और खिंचा, तो आने वाले हफ्तों में ब्यूटी प्रोडक्ट्स में 10-50 रुपए की तेजी दिख सकती है। हालांकि, देशी यानी लोकल ब्रांड्स, जिनका प्रोडक्शन और रॉ मटेरियल लोकल है, वो थोड़े कम प्रभावित होंगे।