Israel Iran War Impact Stocks: इजराइल-ईरान टेंशन से ग्लोबल मार्केट हिल गया है। ब्रेंट क्रूड के दाम में रिकॉर्ड तेजी है। इससे तेल मार्केटिंग कंपनियों (HPCL, BPCL, IOCL) के साथ-साथ कई अन्य सेक्टरों पर भी गहरा असर पड़ सकता है।
Israel Iran War Impact Sectors : एक झटके में क्रूड 13% महंगा… शेयर बाजार सहम गया…शुक्रवार, 13 जून को शुरू हुआ इजराइल और ईरान के टेंशन ने ग्लोबल इकनॉमी के कई सेक्टरों को हिला कर रख दिया है। सबसे बड़ा झटका ऑयल सेक्टर को लगा है, जब क्रूड ऑयल की कीमतों में उबाल उठा है। शनिवार, 14 जून को भी ये तेजी देखी जा रही है। क्रूड ऑयल 77 डॉलर प्रति बैरल का लेवल पार कर गया है। ब्रेंट क्रूड में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है, इसका असर ऑयल कंपनियों (HPCL, BPCL, IOCL) तक ही नहीं, 5 बड़े सेक्टर्स तक पहुंच सकता है, जिससे शेयर बिखर सकते हैं।
इजराइल और ईरान के बीच अब तक क्या-क्या हुआ?
शुक्रवार को इजराइल ने ईरान की न्यूक्लियर साइट पर सीधा हमला बोला। शनिवार को भी दूसरी बार इजराइल ने अटैक किया। ईरान भी जवाबी कार्रवाई कर रहा है। इसके बाद से ही ग्लोबल मार्केट में डर का माहौल फैल गया है। ब्रेंट क्रूड सीधे 77 डॉलर तक पहुंच गया, जबकि बुधवार-गुरुवार तक 67 डॉलर के आस-पास था।
ऑयल स्टॉक्स के हाल क्या है?
अब तक 60-65 डॉलर का रेट OMCs के लिए सोने जैसा था। अच्छा मार्जिन, कम सब्सिडी उनके लिए फायदे वाला था। लेकिन अब HPCL, BPCL, IOCL जैसी कंपनियों पर डबल प्रेशर में हैं। एक तरफ बढ़ती लागत, दूसरी तरफ पॉलिटिकल प्राइस कंट्रोल। ऐसे में उनके शेयर पर भी दबाव दिख सकता है।
Israel-Iran War का किन 5 सेक्टर पर ज्यादा पड़ेगा?
1. पेंट सेक्टर (Paint Sector)
इजराइल-ईरान के बीच बढ़ते टकराव से पेंट्स सेक्टर का रंग फीका पड़ सकता है। पेंट कंपनियों का 40% रॉ मटेरियल क्रूड पर निर्भर करता है। जैसे ही क्रूड महंगा हुआ, इंम्पुट कॉस्ट भी बढ़ गई।
इससे एशियन पेंट्स (Asian Paints), बर्गर पेंट्स (Berger Paints) जैसी दिग्गज कंपनियों के मार्जिन पर दबाव और शेयरों पर असर पड़ सकता है।
2. सीमेंट सेक्टर (Cement Sector)
सीमेंट बनाने और ढोने दोनों में डीजल और पेट्रोल की खपत होती है। इनके महंगा होने से Ultratech, ACC जैसी कंपनियों की पावर एंड ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ेगी। जिससे मार्जिन कमजोर, शेयर भाव नरम हो सकता है।
3. एविएशन सेक्टर (Aviation Sector)
मिडिल ईस्ट में चल रहे तनाव से एविएशन सेक्टर की उड़ान पर ब्रेक लग सकता है। फ्लाइट कंपनियों की सबसे बड़ी लागत ATF यानी एविएशन फ्यूल होती है। क्रूड बढ़ा तो ATF भी बढ़ेगा और फिर या तो किराया बढ़ेगा या कंपनियों का घाटा। इससे इंडिगो (IndiGo), स्पाइसजेट (SpiceJet) जैसे स्टॉक्स शॉर्ट टर्म में प्रेशर में रह सकते हैं।
4. टायर सेक्टर (Tire Sector)
टायर बनाने वाले सिंथेटिक रबर, कार्बन ब्लैक जैसे केमिकल्स सीधे क्रूड से आते हैं। अगर क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ीं तो Apollo Tyres, MRF जैसे ब्रांड्स की लागतें आसमान पर पहुंच सकती हैं। इसका सीधा असर शेयरों पर पड़ सकता है।
5. स्पेशलिटी केमिकल्स (Specialty Chemicals)
ये पूरा सेक्टर क्रूड बेस्ड इनपुट पर टिका है। जैसे ही इनपुट महंगा हुआ, प्रॉफ़िटेबिलिटी खतरे में आ जाएगी। ऐसे में Aarti Industries, SRF, Deepak Nitrite जैसी कंपनियों पर असर देखने को मिल सकता है।