हिंदू धर्म के अनुसार प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी व्रत किया जाता है। इस व्रत का विशेष महत्व माना गया है। इसी क्रम में माघ महीने के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2022) व्रत किया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनिदेव को एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लगता है। इस साल 29 अप्रैल को शनि राशि परिवर्तन करेंगे।
7 फरवरी, सोमवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। सूर्योदय अश्विनी नक्षत्र में होगा, जो सुबह 9.59 तक रहेगा। इसके बाद भरणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। सोमवार को पहले अश्विनी नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग और बाद में भरणी नक्षत्र होने से चर नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है।
ज्योतिषियों के अनुसार, इस समय मकर राशि में सूर्य और शनि की युति बन रही है, जो युति 13 फरवरी, तक रहेगी। ज्योतिषीय ग्रंथों और विद्वानों के मुताबिक ये दोनों ग्रह आपस में दुश्मन है। साथ ही मकर शनि की राशि है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर महीने कई ग्रहों का राशि परिवर्तन, अस्त, उदय, वक्री, मार्गी, दशा, महादशा और ग्रहों की युति होती है। ग्रहों की चाल में बदलाव का असर सभी राशि के लोगों पर व्यापक रूप से पड़ता है।
धर्म ग्रंथों में ऐसी अनेक तिथियां बताई गई हैं जिन पर सूर्यदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। ऐसी ही एक तिथि है माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी। इसे रथ सप्तमी (Rath Saptami 2022), आरोग्या सप्तमी (Arogya Saptami 2022) और अचला सप्तमी (Achala Saptami 2022) के नाम से जाना जाता है।
आज (5 फरवरी, शनिवार) माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन देवी सरस्वती का प्राकट्य दिवस वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2022) के रूप में मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी सरस्वती ज्ञान और संगीत की देवी है।
धर्म ग्रंथों में देवी सरस्वती (Goddess Saraswati) को ज्ञान और संगीत की देवी बताया गया है। हर साल माघ शुक्ल पंचमी तिथि पर देवी सरस्वती का प्राकट्य दिवस वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2022) के रूप में मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 5 फरवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
आज (4 फरवरी, शुक्रवार) माघ मास की चतुर्थी तिथि है। इस दिन विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022) का व्रत किया जाता है। इस व्रत में महिलाएं दिन भर कुछ भी नहीं खाती और शाम को पहले भगवान श्रीगणेश और बाद में चंद्रमा की पूजा कर व्रत खोलती है यानी भोजन करती हैं।
माघ महीने की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) 2 फरवरी से शुरू हो चुकी है, जो 10 फरवरी तक रहेगी। इस नवरात्रि में द्वितीया तिथि का क्षय होने के बावजूद नवरात्रि के दिन कम नहीं होंगे। क्योंकि अष्टमी तिथि की वृद्धि हो जाएगी।