कुछ परिवारों में आए दिन वाद-विवाद की स्थिति बनती रहती है। कभी भाई-भाई में विवाद हो जाता है तो कभी पिता-पुत्र में। सास-बहू के बीच में भी आए दिन इस तरह की स्थिति बनती रहती है।
गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा लिखी गई श्रीरामचरित मानस में ऐसी अनेक चौपाइयां हैं, जिनके जाप से हर संकट का समाधान हो सकता है।
शुक्रवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से प्रवर्ध और उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से आनंद नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं।
26 दिसंबर, गुरुवार को पौष मास की अमावस्या है। इस दिन सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा।
25 दिसंबर, बुधवार को बुध राशि बदलेगा। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। बुध वृश्चिक राशि से निकलकर धनु में प्रवेश करेगा।
26 दिसंबर, गुरुवार को खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। इस समय धनु राशि में 6 ग्रह एक साथ रहेंगे। ऐसा दुर्लभ सूर्यग्रहण 296 साल पहले 7 जनवरी 1723 को हुआ था।
बुधवार को ज्येष्ठा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष और उसके बाद मूल नक्षत्र होने से केतु नाम के 2 अशुभ योग दिन भर रहेंगे।
26 दिसंबर, गुरुवार की सुबह 8.04 से सूर्यग्रहण का आरंभ होगा, 9.30 बजे मध्य काल और सुबह 10.56 बजे ग्रहण खत्म होगा।
ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है क्योंकि मनुष्यों को उनके अच्छे-बुरे कर्मों का दंड शनिदेव ही देते हैं।
मंगलवार को अनुराधा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग बन रहा है, जो पूरे दिन रहेगा। इस अशुभ योग का असर सभी राशियों पर होगा।