Bhanu Saptami 2021: इन दिनों हिंदू पंचांग का दसवां महीना पौष चल रहा है। पौष महीने में सूर्य पूजा का बहुत महत्व है। ग्रंथों के मुताबिक इस महीने सूर्य को भग स्वरूप की पूजना चाहिए। रविवार को सप्तमी तिथि होने से भानु सप्तमी का योग बनता है, लेकिन पौष महीने में ऐसा संयोग कम ही बनता है।
हस्तरेखा शास्त्र (Palmistry) के अनुसार हथेली पर बनने वाले अलग-अलग निशानों का भी विशेष महत्व होता है। यह निशान भी कई तरह के होते हैं जिससे व्यक्ति के स्वभाव और उसके भाग्य के बारे में बताते हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हनुमान अष्टमी (Hanuman Ashtami 2021) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 27 दिसंबर, सोमवार को है। ग्रंथों के अनुसार जब भगवान श्रीराम का विजय उत्सव मनाया जा रहा था। तब श्रीराम ने कहा था कि ये तो हनुमान का विजय उत्सव है क्योंकि इनके कारण ही हमें लंका पर विजय मिली है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब सूर्य धनु या मीन राशि में होता है तो उस समय को खर मास (Khar month 2021) कहते हैं। इस बार 16 दिसंबर से सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुका है। सूर्य इस राशि में 14 जनवरी तक रहेगा।
हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना पौष 20 दिसंबर से शुरू हो चुका है, जो 17 जनवरी तक रहेगा। इस दौरान प्रकृति में बहुत से सकारात्मक बदलाव आते हैं। इसलिए पौष महीना जीवन शक्ति और आध्यात्म स्तर बढ़ाने का सही समय होता है।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अशुभ फल से बचने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। रत्न पहनना भी इन्हीं उपायों में से एक है। हर ग्रह से संबंधित अलग-अलग रत्न ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं। शनि (Shani Dev) से संबंधित शुभ फल पाने के लिए ज्योतिषी नीलम रत्न (Blue Sapphire Stone) पहनने की सलाह देते हैं।
इस साल का आखिरी पुष्य नक्षत्र 22 दिसंबर को है। इस दिन बुधवार होने से ये बुध पुष्य योग बना रहा है। ज्योतिष ग्रंथों के मुताबिक पूरे साल कभी भी शुभ योगों में खरीदारी की जा सकती है। अब अगला पुष्य नक्षत्र 18 जनवरी, मंगलवार को रहेगा।
वास्तु के कुछ नियमों का ठीक ढंग से पालन किया जाए तो भवन में रहने वाले सभी लोग शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकते हैं। जिस घर में वास्तु दोष होता है, वहां रहने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सेहत से जुड़ी परेशानियां भी इनमें से एक है।
नवग्रहों में शुक्र को बहुत ही शुभ ग्रह माना गया है। शुक्र के शुभ प्रभाव से ही जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं। यह मीन राशि में उच्च और कन्या राशि में नीच स्थान पर माने जाते हैं।
हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना पौष मास 20 दिसंबर, सोमवार से शुरू हो चुका है, जो 17 जनवरी तक रहेगा। इस दौरान 14 जनवरी तक सूर्य के धनु राशि में रहने से खरमास भी रहेगा। वहीं, इस महीने बुधवार को यानी 22 दिसंबर को साल 2021 का आखिरी पुष्य नक्षत्र रहेगा।