राशि चक्र की दसवीं राशि मकर है। इसके स्वामी शनिदेव हैं। जिन लोगों का नाम भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी अक्षर से शुरू होता है, वे मकर राशि के होते हैं।
उज्जैन. 25 फरवरी, गुरुवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन सूर्योदय पुष्य नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 1.18 तक रहेगा। इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र दिन भर रहेगा। गुरुवार को पहले पुष्य नक्षत्र होने से शुभ और उसके बाद अश्लेषा नक्षत्र होने से अमृत नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि नाम के 2 अन्य शुभ भी बन रहे हैं। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन…
हस्तरेखा शास्त्र में हथेली में मौजूद विभिन्न पर्वतों, रेखाओं और चिह्नों के आधार पर भविष्य कथन किया जाता है। इनमें अनेक प्रकार के चिन्ह होते हैं जैसे वर्ग, क्रॉस, द्वीप, तिल, जाल या विशेष प्रकार के चिह्न।
वैदिक ज्योतिष के हजारों योगों में से सर्प और माला योग भी अत्यंत चर्चित योग हैं। ये दोनों एक-दूसरे के विपरीत ग्रह स्थितियां होने पर बनते हैं। इनका प्रभाव भी बिलकुल विपरीत होता है।
धनु राशि चक्र की नौवीं राशि है। ये राशि दक्षिण दिशा की द्योतक है। इस राशि का चिह्न धनुष है। राशि का स्वामी गुरु है। धनु द्वि-स्वभाव वाली राशि है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में लगातार चार घरों (भाव) में यदि सभी ग्रह आ जाएं तो उनसे बनने वाले कुछ योगों के बारे में बताया गया है। ये योग व्यक्ति को दरिद्र और परिवारहीन बना देते हैं।
राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक है। इसका चिह्न बिच्छू है और यह उत्तर दिशा की द्योतक है। वृश्चिक राशि जलतत्व की राशि है। इसका स्वामी मंगल है।
उज्जैन. हिंदू धर्म में कलाई पर रक्षासूत्र बांधने की परंपरा है। रक्षासूत्र को मौली और कलावा भी कहते हैं। मान्यता है कि कलाई पर इसे बांधने से परेशानियां दूर होती हैं और बुरी ताकतों से रक्षा होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रह-नक्षत्र और देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए अलग-अलग रंगों के रक्षा सूत्र बांधने चाहिए। जानिए कौन-सी राशि या देवता के लिए किस रंग का धागा/रक्षासूत्र बांधा जाना चाहिए…
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र की स्थिति के अनुसार ही हमारी नाम राशि मानी जाती है। सभी 12 राशियों के लिए अलग-अलग अक्षर बताए गए हैं। जिन लोगों के नाम रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते अक्षर से शुरू होता है, उनकी राशि तुला होती है।
कन्या राशि चक्र की छठी राशि है। ये राशि दक्षिण दिशा की द्योतक है। इस राशि का चिह्न हाथ में फूल लिए कन्या है। राशि का स्वामी बुध है।