सार

14 मई 2025 को बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे सभी 12 राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। जानें, आपके जीवन में क्या बदलाव आएंगे और कैसे करें तैयारी।

बृहस्पति गोचर 2025–2026: प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य पंडित उमेश चंद्र पंत जी के अनुसार, बृहस्पति ग्रह जब भी राशि परिवर्तन करता है, तब यह समाज, व्यक्ति और विश्वस्तर पर गहरे परिवर्तन लेकर आता है। 14 मई 2025 को जब यह ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करेगा, तो यह ज्ञान, तर्क, संवाद, तकनीक और शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों को तीव्र करेगा। चंद्र राशि के आधार पर यह गोचर हर जातक के जीवन में कोई न कोई महत्त्वपूर्ण मोड़ लाएगा।

वेदिक ज्योतिष में बृहस्पति (देवगुरु) को ज्ञान, भाग्य, समृद्धि, संतान सुख और धार्मिकता का कारक ग्रह माना जाता है। यह ग्रह जब भी राशि परिवर्तन करता है, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आता है। 14 मई 2025 को बृहस्पति का मिथुन राशि में प्रवेश एक ऐसा ही महत्वपूर्ण ज्योतिषीय पल है।

मिथुन एक वायु तत्व वाली राशि है, जो बुद्धि, संवाद, व्यापार और विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में जब बृहस्पति इस राशि में प्रवेश करता है, तो यह एक विशेष संयोग बनता है जहाँ ज्ञान और तर्कशक्ति का मेल होता है।

बृहस्पति गोचर 2025–2026: प्रमुख तिथियाँ

  1. 14 मई 2025: गुरु (बृहस्पति) मिथुन राशि में प्रवेश करेगा।
  2. 11 नवम्बर 2025 से 10 मार्च 2026: गुरु मिथुन राशि में वक्री (retrograde) रहेगा।
  3. 11 मार्च 2026: गुरु पुनः मार्गी (direct) हो जाएगा।
  4. 2 जून 2026, सुबह 2:25 बजे: गुरु मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेगा।

बृहस्पति गोचर 2025 का महत्व

  1. ज्ञान और संवाद में वृद्धि
  2. व्यापार और डिजिटल प्लेटफॉर्म में नई संभावनाएं
  3. शिक्षा, लेखन, प्रशिक्षण और नेटवर्किंग के लिए अनुकूल समय
  4. वैचारिक द्वंद और निर्णयों में सावधानी आवश्यक

आपकी राशि पर बृहस्पति गोचर का प्रभाव (2025–2026)

सभी 12 चंद्र राशियों पर बृहस्पति गोचर का प्रभाव।

मेष (Aries/Mesh Rashi)

बृहस्पति तीसरे भाव में – आत्मविश्वास में वृद्धि, भाई-बहनों से सहयोग, डिजिटल माध्यमों में सफलता।

फोकस: साहस, संचार, लघु यात्रा

सावधानी: जल्दबाजी में निर्णय से बचें

उपाय: हर बृहस्पति वार पीले वस्त्र दान करें और सुबह 5 मिनट ध्यान करें। इससे मानसिक स्पष्टता और संतुलन बना रहेगा।

2025 में बृहस्पति का गोचर आपके तीसरे भाव में होगा, जो साहस, पराक्रम और भाई-बहनों से संबंधों को सुदृढ़ बनाएगा। यह समय नई परियोजनाओं को शुरू करने, संचार माध्यमों, मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म में प्रगति लाने के लिए अनुकूल है। आप आत्म-प्रेरित रहेंगे और अपने विचारों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में सफल होंगे। छोटे यात्राओं और नेटवर्किंग से भी लाभ संभव है। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा, जिससे आत्मविश्वास और भावनात्मक समर्थन प्राप्त होगा। हालांकि, जल्दबाज़ी में निर्णय लेने से बचें और कोई भी कार्य रणनीति के बिना न करें। आत्म-अभिव्यक्ति में सुधार आएगा, लेकिन अति आत्मविश्वास से अहंकार की स्थिति बन सकती है।

वृषभ (Taurus/Vrishabha Rashi)

बृहस्पति दूसरे भाव में – धन संचय के अवसर, वाणी में मधुरता, पारिवारिक सौहार्द।

फोकस: आर्थिक लाभ, पारिवारिक सुख

सावधानी: अनावश्यक खर्च, ऋण से बचें

उपाय: प्रतिदिन ‘कृतज्ञता डायरी’ लिखें और घर में उत्तर दिशा में पीले फूल सजाएँ। यह धन और सुख को आकर्षित करेगा।

बृहस्पति का गोचर आपके दूसरे भाव में होगा, जो आपकी वित्तीय स्थिति, पारिवारिक सुख और वाणी पर प्रभाव डालेगा। यह समय धन संचय के लिए उत्तम है और आय के नए स्रोत बन सकते हैं। पारिवारिक जीवन में सामंजस्य बना रहेगा और बड़ों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। वाणी में मधुरता आने से सामाजिक और पारिवारिक संबंधों में सुधार होगा। यदि आप फाइनेंस, कंसल्टेंसी या फैमिली बिजनेस से जुड़े हैं, तो लाभ की स्थिति बन सकती है। हालांकि, अनावश्यक खर्च और दिखावे से बचना चाहिए। इस समय में बुजुर्गों की सलाह को नज़रअंदाज़ न करें, क्योंकि वे आपकी वित्तीय योजना में सहायक हो सकते हैं। खानपान का ध्यान रखें, वरना सेहत पर असर पड़ सकता है।

मिथुन (Gemini/Mithun Rashi)

बृहस्पति आपकी राशि में – नेतृत्व क्षमता, सामाजिक प्रतिष्ठा, रिश्तों में स्थायित्व।

फोकस: व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता

सावधानी: अति आत्ममुग्धता से बचें

उपाय: बृहस्पति वार को मूंग की दाल का दान करें और पीले रंग के वस्त्र पहनें। इससे भाग्य और व्यक्तित्व दोनों निखरेंगे।

बृहस्पति का आपकी ही राशि में गोचर आपके जीवन में व्यापक परिवर्तन लेकर आएगा। यह समय आपके आत्मविश्वास, व्यक्तित्व और निर्णय क्षमता को निखारने वाला है। आप सामाजिक रूप से अधिक सक्रिय होंगे और आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। यह गोचर नेतृत्व क्षमता को उजागर करेगा और लोग आपकी बातों को गंभीरता से लेंगे। नए कार्यों की शुरुआत के लिए समय अनुकूल है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो आपकी व्यक्तिगत पहचान को मजबूत करें। विवाह योग्य जातकों के लिए यह शुभ समय है और रिश्तों में स्थायित्व आएगा। हालांकि, अत्यधिक योजनाओं और आत्ममुग्धता से बचना होगा ताकि अधूरे कार्य या तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न न हो।

कर्क (Cancer/Karka Rashi)

बृहस्पति बारहवें भाव में – आध्यात्मिक जागरण, विदेश यात्रा, ध्यान-योग की ओर झुकाव।

फोकस: आत्मनिरीक्षण, मानसिक शांति

सावधानी: खर्च और स्वास्थ्य का ध्यान रखें

उपाय: बृहस्पति वार को किसी निर्धन को भोजन कराएं और समय मिलने पर किसी आश्रम या सेवा कार्य में भाग लें।

बृहस्पति का बारहवें भाव में गोचर आपके लिए आत्मचिंतन, आध्यात्मिक उन्नति और विदेशी अवसरों से जुड़ा रहेगा। यह समय विदेश यात्रा, वीजा संबंधित कार्यों, या उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाने के लिए अनुकूल है। आप ध्यान, योग, और मेडिटेशन के माध्यम से मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही यह गोचर अस्पताल, तीर्थ यात्रा, और दान-पुण्य जैसे कार्यों को भी प्रेरित करेगा। हालांकि, इस समय अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखना जरूरी है, क्योंकि खर्चे अप्रत्याशित रूप से बढ़ सकते हैं। स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें, विशेषकर नींद, रक्तचाप और तनाव संबंधी समस्याओं में।

सिंह (Leo/Simha Rashi)

बृहस्पति ग्यारहवें भाव में – इच्छाओं की पूर्ति, नए मित्र, आय में वृद्धि।

फोकस: नेटवर्किंग, करियर में लाभ

सावधानी: लालच या शॉर्टकट से बचें

उपाय: बृहस्पति वार को किसी विद्वान या बृहस्पति का आशीर्वाद लें और जरूरतमंद विद्यार्थियों की सहायता करें।

ग्यारहवें भाव में बृहस्पति का गोचर आपकी इच्छाओं की पूर्ति और आय में वृद्धि का सूचक है। इस समय आप अपने पुराने अधूरे लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। नए मित्रों से जुड़ाव और पुराने दोस्तों से सहयोग मिलेगा। नेटवर्किंग और टीमवर्क आपके करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं। सामाजिक और पेशेवर जीवन में आपकी पकड़ मजबूत होगी। व्यवसायी जातकों को बड़े क्लाइंट मिल सकते हैं या कोई सरकारी अनुबंध भी संभव है। हालांकि, लालच या असत्य मार्ग अपनाने से बचना चाहिए। यह समय लाभकारी है, यदि आप योजना और अनुशासन से आगे बढ़ें।

कन्या (Virgo/Kanya Rashi)

बृहस्पति दशम भाव में – करियर में प्रमोशन, व्यवसाय में विस्तार, प्रशासनिक लाभ।

फोकस: पेशेवर विकास

सावधानी: अहंकार से बचें, विनम्रता रखें

उपाय: एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेकर पुखराज धारण करें और नियमित रूप से बृहस्पति मंत्र का जाप करें।

बृहस्पति का दशम भाव में गोचर करियर, प्रतिष्ठा और पेशेवर सफलता के द्वार खोलेगा। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन या नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। व्यापारी वर्ग के लिए यह समय व्यापार विस्तार और नई साझेदारी के लिए अनुकूल रहेगा। सरकारी कार्यों या प्रशासनिक जिम्मेदारियों में प्रगति होगी। आपकी कार्यशैली में परिपक्वता आएगी और वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। यदि आप किसी परीक्षा या इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं, तो सफलता की संभावना प्रबल है। हालांकि, कार्यस्थल पर अत्यधिक आत्मविश्वास या जिद्द से बचें। विनम्रता और कूटनीति से ही सफलता संभव होगी।

तुला (Libra/Tula Rashi)

बृहस्पति नवम भाव में – भाग्यवृद्धि, धर्म, उच्च शिक्षा और विदेश यात्रा के योग।

फोकस: धार्मिक यात्रा, गुरु मार्गदर्शन

सावधानी: मेहनत में ढील न दें

उपाय: नियमित रूप से योग और प्राणायाम करें, साथ ही प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।

बृहस्पति का नवम भाव में गोचर आपके लिए भाग्य, धर्म और उच्च शिक्षा के द्वार खोलता है। आप धार्मिक यात्रा कर सकते हैं या किसी आध्यात्मिक मार्गदर्शक से जुड़ सकते हैं। विदेश यात्रा या विदेश में पढ़ाई के इच्छुक छात्रों के लिए यह समय बेहद शुभ है। पिता, गुरु या मेंटर का मार्गदर्शन आपको जीवन में नई दिशा देगा। यह समय उच्च शिक्षा, रिसर्च और दर्शन शास्त्र में रुचि बढ़ाने वाला हो सकता है। साथ ही, जो लोग लॉ, टीचिंग या जर्नलिज्म में हैं, उन्हें विशेष लाभ मिलेगा। मेहनत करते रहें, क्योंकि भाग्य आपका साथ देगा।

वृश्चिक (Scorpio/Vrishchik Rashi)

बृहस्पति अष्टम भाव में – गूढ़ विषयों में रुचि, अचानक लाभ-हानि, शोध कार्यों में सफलता।

फोकस: पैतृक संपत्ति, रहस्य

सावधानी: जोखिम वाले निवेश से बचें

उपाय: नियमित रूप से योग और प्राणायाम करें, साथ ही प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।

बृहस्पति का अष्टम भाव में गोचर आपके जीवन में गहराई, अनजाने रहस्यों और परिवर्तन की स्थिति ला सकता है। यह समय शोध, रहस्यमय विषयों, ज्योतिष, मनोविज्ञान और टैक्स संबंधित मामलों के लिए अनुकूल रहेगा। आप अपने अंदर छिपी संभावनाओं को पहचानेंगे, लेकिन यह आत्मचिंतन और सतर्कता का समय भी है। पैतृक संपत्ति या बीमा जैसे क्षेत्रों से लाभ संभव है। हालांकि, अचानक धन हानि, दुर्घटना या स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, विशेषकर जननांग या गुप्त रोगों से जुड़ी। इसलिए नियमित स्वास्थ्य जांच और निवेश निर्णयों में सतर्कता जरूरी है।

धनु (Sagittarius/Dhanu Rashi)

बृहस्पति सप्तम भाव में – विवाह योग, साझेदारी में लाभ, वैवाहिक जीवन में सुधार।

फोकस: रिश्ते, सहयोग, सार्वजनिक छवि

सावधानी: संवादहीनता और अहंकार से बचें

उपाय: हर बृहस्पति वार हल्दी मिश्रित जल से स्नान करें और पीले रंग का रूमाल साथ रखें।

सप्तम भाव में बृहस्पति का गोचर आपके वैवाहिक जीवन, व्यापार साझेदारी और सार्वजनिक छवि पर सकारात्मक असर डालेगा। विवाह योग्य जातकों के लिए यह उत्तम समय है। यदि आप पहले से शादीशुदा हैं, तो जीवनसाथी के साथ संबंधों में मधुरता आएगी। साझेदारी में किए गए कार्यों से लाभ संभव है। व्यापारी जातकों को नए पार्टनर मिल सकते हैं और कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में राहत मिल सकती है। हालांकि, रिश्तों में पारदर्शिता और आपसी समझ जरूरी होगी। अहंकार और एकतरफा निर्णय रिश्तों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सामंजस्य बनाकर चलें।

मकर (Capricorn/Makar Rashi)

बृहस्पति छठे भाव में – रोगों से मुक्ति, कर्ज निपटान, प्रतियोगिता में सफलता।

फोकस: स्वास्थ्य, सेवा, कार्यक्षमता

सावधानी: मानसिक तनाव और अत्यधिक परिश्रम से बचें

उपाय: दिन की शुरुआत दैनिक योजनाकार में कार्यों की सूची बनाकर करें और सप्ताह में एक बार पीली दाल का दान करें।

बृहस्पति का छठे भाव में गोचर स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा और ऋण से जुड़े मामलों को उजागर करेगा। यह समय अपनी दिनचर्या को अनुशासित रखने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का है। यदि आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो उपचार में सुधार देखने को मिलेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे जातकों को सफलता मिल सकती है। कार्यस्थल पर विरोधियों से मुकाबला करने की शक्ति मिलेगी। साथ ही यह समय पुराने कर्ज चुकाने और कानूनी विवादों से छुटकारा पाने का भी है। हालांकि, तनाव और अत्यधिक परिश्रम से स्वास्थ्य पर असर न पड़े, इसका ध्यान रखें।

कुंभ (Aquarius/Kumbh Rashi)

बृहस्पति पंचम भाव में – प्रेम, शिक्षा, संतान सुख, रचनात्मक सफलता।

फोकस: अध्ययन, प्रेम संबंध, निवेश

सावधानी: अति भावुकता और जल्दबाजी से बचें

उपाय: बृहस्पति वार को बच्चों को पढ़ाई से संबंधित वस्तुएं दान करें और संगीत/कला से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लें।

पंचम भाव में बृहस्पति का गोचर शिक्षा, प्रेम, संतान और रचनात्मकता को बल देगा। छात्रवर्ग को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। प्रेम संबंधों में गहराई आएगी और जो जातक संतान सुख की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा। कला, साहित्य और अभिनय जैसे क्षेत्रों से जुड़े लोगों को विशेष मान-सम्मान प्राप्त होगा। निवेश से लाभ संभव है, खासकर शेयर बाजार या रचनात्मक परियोजनाओं में। हालांकि, भावनाओं पर नियंत्रण रखें और अनावश्यक जोखिम न लें। किसी रिश्ते में जल्दबाज़ी नुकसानदायक हो सकती है।

मीन (Pisces/Meen Rashi)

बृहस्पति चतुर्थ भाव में – घर, मां, संपत्ति और सुख में वृद्धि।

फोकस: परिवारिक शांति, रियल एस्टेट, आंतरिक स्थिरता

सावधानी: घरेलू ज़िम्मेदारियों में संतुलन बनाएं

उपाय: घर की नियमित सफाई करें, विशेषकर उत्तर-पूर्व दिशा में, और प्रतिदिन धूप या अगरबत्ती जलाएं।

बृहस्पति का चतुर्थ भाव में गोचर आपके पारिवारिक जीवन, संपत्ति और मानसिक शांति को विशेष रूप से प्रभावित करेगा। यह समय घर से संबंधित सौदों—जैसे प्रॉपर्टी खरीद, नवीनीकरण या गृह प्रवेश—के लिए अत्यंत शुभ है। माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा और उनसे आपके संबंध मजबूत होंगे। गृहस्थ सुख में वृद्धि होगी और जीवन में स्थायित्व का अनुभव होगा। यदि आप अपने निवास स्थान में परिवर्तन की योजना बना रहे हैं, तो बृहस्पति का यह गोचर अनुकूल रहेगा। आपकी भावनात्मक स्थिरता और आंतरिक संतुलन भी बेहतर होगा। घरेलू जिम्मेदारियों में संतुलन बनाना जरूरी है, ताकि कार्य और परिवार के बीच सामंजस्य बना रहे।

मिथुन राशि में बृहस्पति का गोचर 2025–2026 का समय जीवन में एक नया दृष्टिकोण, व्यावसायिक अवसरों की प्राप्ति, शिक्षा में प्रगति और आध्यात्मिक उन्नति की संभावनाएं लेकर आएगा। यह गोचर हर राशि के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सक्रियता एवं बदलाव लाएगा—कहीं नई जिम्मेदारियां तो कहीं जीवन के रुके हुए कार्यों में गति। विशेष रूप से जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति दुर्बल स्थिति में है, उनके लिए यह समय चुनौतियों के साथ-साथ सुधार और सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता को भी दर्शाता है।

ज्योतिषाचार्य पं. उमेश चंद्र पंत जी के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति पीड़ित, नीचस्थ या अशुभ स्थान में स्थित हो, तो वैदिक उपायों, विशिष्ट पूजा-पाठ, तथा अनुकूल रत्न धारण जैसे उपायों के माध्यम से इस गोचर के प्रभावों को सकारात्मक रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। उनके द्वारा दी गई कुंडली-आधारित व्यक्तिगत सलाह न केवल गोचर के प्रभावों को स्पष्ट करती है, बल्कि जीवन की दिशा को भी सकारात्मक रूप से मोड़ने में सहायक होती है।

यदि आप इस बृहस्पति गोचर से जुड़ी अपनी व्यक्तिगत संभावनाओं और चुनौतियों को समझना चाहते हैं, तो पं. उमेश चंद्र पंत जी से मार्गदर्शन प्राप्त करें और वैदिक ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान करें। Website: https://www.astrologerumesh.com/