30 जून, मंगलवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। इस दिन स्वाती नक्षत्र होने से ध्वज नाम का शुभ योग बन रहा है।
ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के जन्म के समय चंद्र जिस राशि में रहता है, वही उस व्यक्ति की नाम राशि होती है। इसे चंद्र राशि भी कहा जाता है। चंद्र राशि के अनुसार सभी 12 राशियों के लिए अलग-अलग नाम अक्षर बताए गए हैं।
29 जून, सोमवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। इसे भड़ली नवमी कहते हैं। इस दिन पहले हस्त नक्षत्र होने से वज्र और उसके बाद चित्रा नक्षत्र होने से मुग्दर नाम के 2 अशुभ योग बन रहे हैं।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों से संबंधित कोई दोष होते हैं तो भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। कुंडली के दोषों को दूर करने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करते रहने से निकट भविष्य में सकारात्मक फल मिलने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
28 जून, रविवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन पहले उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से मित्र और उसके बाद हस्त नक्षत्र होने से मानस नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं।
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं और सभी भाव अलग-अलग बातों के कारक हैं।
घर में रखी हर एक वस्तु का संबंध वास्तु शास्त्र से होता है। वास्तु शास्त्र में घर की चीजों के लिए सही-गलत जगहें बताई गई हैं। अगर चीजें सही जगहों पर रखी रहती है तो घर में सकारात्मकता बनी रहती है और कार्यों में सफलता मिलने की संभावनाएं बनी रहती है।
उज्जैन. 27 जून, शनिवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। इस दिन सूर्योदय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो सुबह 10.23 तक रहेगा। इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। शनिवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से लुंबक और उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से उत्पात नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बन रहे हैं। शनिवार की शाम को लगभग 4 बजे चंद्रमा सिंह से कन्या राशि में प्रवेश करेगा। जानिए ग्रह-नक्षत्रों का क्या होगा आपके जीवन पर असर…
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार हमारे हाथ की रेखाओं और हथेली की बनावट का अध्ययन करके व्यक्ति के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें पता की जा सकती हैं। इन महत्वपूर्ण रेखाओं में जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा, मणिबंध, सूर्य रेखा, विवाह रेखा शामिल है।
महीने के आखिरी दिन (30 जून) बृहस्पति (गुरु) ग्रह राशि बदलकर धनु में आ जाएगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार अभी ये ग्रह वक्री चल रहा है। यानि सभी राशियों को इस ग्रह का शुभ प्रभाव नहीं मिल पा रहा है।