ऑनलाइन फूड डिलीवरी में जोमैटो और स्विगी काफी पॉपुलर हैं। इनकी कीमत करीब 5 बिलियन डॉलर हैं। मार्केट में दोनों के बीच तगड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। हाल ही में जोमैटो का शेयर 55 प्रतिशत है और स्विगी 45 प्रतिशत कब्जा जमाए हुए है।
रिपोर्ट के मुताबिक, WAAYU रेस्तरां से किसी तरह का कोई कमीशन फीस नहीं लेगा। यही कारण है कि रेस्तरां कस्टमर्स को अच्छा और बेहतर दाम पर फूड ऑफर कर पाएंगे। इस प्लेटफार्म का उद्देश्य कस्टमर्स तक सस्ता, अच्छा और क्वालिटी वाला खाना पहुंचाना है।
वायरल वीडियो देखकर एक यूजर ने लिखा, ‘जो लोग कामचोरी करते हैं, उन्हें इस शख्स से सीखना चाहिए।’ एक और यूजर ने लिखा, ‘जिन्हें कुछ करना होता है वे परिस्थितियों का रोना नहीं रोते।’
पिछले साल नवंबर में कंपनी से कई कर्मचारियों को बाहर निकालने के बाद अब फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने एक खुशखबरी दी है। कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने कहा है कि, वे अपने साथ काबिल लोगों को जोड़ना चाहते हैं।
वायरल वीडियो में एक साउथ का गाना सुनाई दे रहा है, जिसमें डिलीवरी ब्वॉय पूरे जोश के साथ डांस करता है।
पुजारी महेश ने कहा- कंपनी ने अपने विज्ञापन में महाकाल मंदिर को लेकर भ्रामक प्रचार किया है। ऐसे विज्ञापन जारी करने से पहले कंपनी को सोचना चाहिए। हिंदू समाज सहिष्णु है, वह कभी उग्र नहीं होता। अगर कोई दूसरा समुदाय होता, तो ऐसी कंपनी में आग लगा देता।
5 महीने पहले कंपनी तब विवादों में आई थी, जब 10 मिनट में खाना पहुंचाने का दावा किया गया था। कंपनी के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने एक ब्लॉग के जरिए इस बात की जानकारी दी थी। इस पर लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने कहा था कि यह बिल्कुल बेतुकी सर्विस है। इससे डिलीवरी करने वालों पर बेकार का दबाव बढ़ेगा।
Zomato Intercity Legends: भारत की प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनियों में से एक और रेस्टोरेंट एग्रीगेटर Zomato अपने यूजर को एक अलग शहर से खाना ऑर्डर करने और इसे अपने घर तक पहुंचाने की अनुमति देगा।
कंपनियों में सीवी भेजने के अनोखे तरीके पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। जोमाटो ने अमन खंडेलवाल नाम के इस युवक से कहा कि तरीका अच्छा था, मगर किसी और का वेश धारण अच्छी बात नहीं। अमन को डिजीटल स्टार्टअप कंपनी ने इंटर्नशिप का ऑफर दिया है।
राजस्थान (Rajasthan) के रहने वाले दुर्गा शंकर मीणा (Durga Shankar Meena) साइकिल से फूड डिलीवरी (Food Delivery) करते थे। उनकी परेशानी आदित्य ने देखी और मदद करने की ठानी। सिर्फ तीन घंटे में ही लोगों ने इतनी मदद दी कि दुर्गा को मनचाही बाइक मिल गई।