25 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने अब तक के लो लेवल 83.72 पर पहुंच गया। अगर डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी आगे भी इसी तरह बनी रही तो इसका असर देश के आयात बिल पर पड़ेगा और ये काफी महंगा हो जाएगा।