मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक हर दो महीने में की जाती है। इसकी अगली बैठक 4 अक्टूबर को होगी।
प्रॉपर जानकारी के अभाव में लोग अक्सर बैंक की शिकायत नहीं कर पाते हैं। कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक खास सीएमएस बनाया है।
रेपो रेट और कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में वृद्धि के चलते लोन लेने वालों को अधिक ब्याज देना पड़ेगा। दूसरी तरफ बैंक में पैसा जमाकर रखने वालों को ब्याज बढ़ने से लाभ हो सकता है।