Ashadha Gupt Navratri 2024: इन दिनों हिंदू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ चल रहा है। धर्म ग्रंथों में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में गुप्त नवरात्रि का पर्व भी मनाया जाता है। इस बार ये पर्व जुलाई 2024 में है।
Ashadh Gupt Navratri 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में 4 बार नवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इनमें से 2 प्रकट और 2 गुप्त नवरात्रि होती है। साल की दूसरी गुप्त नवरात्रि का पर्व आषाढ़ मास में मनाया जाता है।
Chaitra Navratri 2024 Goddess Siddhidatri: इस बार चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन 17 अप्रैल, बुधवार को है। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। इन देवी की पूजा से हर काम में सिद्धि प्राप्त होती है।
Chaitra Navratri 2024: हमारे देश में एक जगह ऐसी भी है, जहां रहने वाले लोग खुद को राक्षसों की संतान मानते हैं। इस वजह से वे देवताओं की पूजा भी नहीं करते और नवरात्रि में शोक यानी दुख मनाते हैं।
Chaitra Navratri 2024 Devi Mahagauri: चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन की देवी महागौरी हैं। देवी का यह स्वरूप अत्यंत गौरा है, इसलिए इनका ये नाम रखा गया है। इनसे जुड़ी कईं कथाएं धर्म ग्रंथों में मिलती है।
Durga Chalisa Lyrics In Hindi: इन दिनों चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है। 17 अप्रैल, बुधवार को चैत्र नवरात्रि की अंतिम तिथि रहेगी और इसी दिन इसका समापन भी हो जाएगा। ये तिथि पूजा, उपाय आदि के लिए बहुत खास है।
Chaitra Navratri 2024 Kanya Pujan: धर्म ग्रंथों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन चाहिए। इससे देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर इच्छा पूरी करती हैं।
Chaitra Navratri 2024 Devi Kalratri Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन यानी सप्तमी तिथि पर देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा का ये रूप काल का भी नाश करने में सक्षम है, इसलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है।
Chaitra Navratri 2024 Ashtami-Navmi Ke Upay: धर्म ग्रंथों में चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत ही खास माना गया है। इस दिन यदि कुछ खास उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है। आगे जानिए कब है चैत्र नवरात्रि के उपाय…
Navratri 2024 Devi Katyayani Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा का विधान है। नवदुर्गाओं में इनका स्थान छठा है। इनकी पूजा से कईं लाभ मिलते हैं। 14 अप्रैल को देवी के इस रूप की पूजा की जाएगी।