कारगिल विजय दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के बलिदान और अदम्य साहस की याद दिलाता है । इस लड़ाई ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरो दिया था।
साल 1999 में कारगिल युद्ध में भारत की जीत देश के सबसे बड़े अचीवमेंट में से एक है। इस साल भारत अपनी 25वीं विजय गाथा का जश्न मना रहा है। ऐसे में हम आपको बताते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व।
kargil vijay diwas 2024: कारगिल विजय दिवस जिसे हम 26 जुलाई को मनाते हैं, भारतीय सेना के जवानों के साहस और बलिदान का प्रतीक है। इस दिन को भारतवासी गर्व और श्रद्धा के साथ मनाते हैं, क्योंकि यह कारगिल युद्ध में हमारे जवानों की वीरता की याद दिलाता है।
जब भी कारगिल की लड़ाई की बात होती है, तो हमेशा शेखावाटी का नाम सबसे पहले आता है। शेखावाटी ही राजस्थान का एक ऐसा क्षेत्र है, जहां से करीब 50 से ज्यादा सैनिक कारगिल की लड़ाई में शहीद हुए थे।
कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उस वक्त हमने LoC पार नहीं किया था इसका मतलब यह नहीं कि आगे पार नहीं करेंगे। भविष्य में जरूरत हुई तो इसे जरूर पार करेंगे।
पाकिस्तान सैनिकों की घुसपैठ को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 26 जुलाई, 1999 को उसे खदेड़ दिया था। इस युद्ध को 'कारगिल युद्ध' के नाम से जाना जाता है। कारगिल युद्ध 3 मई, 1999 से शुरू हुआ था और 26 जुलाई, 1999 तक चला था।
1999 में पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ को जानकारी दिए बिना सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्फ ने कारिगल का युद्ध छेड़ दिया था। जंग में पाकिस्तान को हारता देख और सत्ता जाने के डर से नवाज शरीफ परिवार संग अमेरिका दौरे पर गए थे।
भारत के स्वर्णिंम इतिहास मे 26 जुलाई का दिन बेहद खास है। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सैनिकों ने कारिगल की दुर्गम चोटियों पर पाकिस्तानी सेना को घुटनों पर ला दिया था और हजारों फीट के ऊंचाई पर तिरंगा लहराया था।
26 जुलाई को कारगिल युद्ध की 24वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 1999 में पाकिस्तान ने कारिगल की ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा किया लेकिन भारतीय सेना ने अदम्य साहस के बलबूते पाकिस्तान को सीमा पार खदेड़ दिया।
हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है। भारतीय सेना के पराक्रम से यह दिन इतिहास में अमर हो गया है।