इसरो (ISRO) द्वारा आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पहला सौर मिशन आदित्य एल 1 (Aditya L1) लॉन्च कर दिया गया है। 11:50 बजे आदित्य एल 1 को लेकर PSLV C57 रॉकेट ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी।
ISRO आदित्य एल1 (Aditya-L1) लॉन्च करने के लिए तैयार है। बुधवार को इसका अभ्यास किया गया। मिशन दो सितंबर को लॉन्च किया जाएगा।
इसरो ने मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की ताजी तस्वीर जारी की है। विक्रम लैंडर की इस तस्वीर को प्रज्ञान रोवर के नेविगेशन कैमरा से लिया गया है।
आदित्य एल1 को पृथ्वी और सूर्य के खगोलीय तंत्र के लैगरेंज 1 पॉइंट पर स्थापित किया जाएगा। इसलिए आदित्य एल1 काफी खास माना जा रहा है। यहां रहकर वह सूर्य के बारें में अध्ययन करेगा।
इसरो (ISRO) ने भारत के सौर मिशन आदित्य एल1 (Solar Mission Aditya L1) की लांचिंग डेट और टाइमिंग सेट कर दी है। यह सूर्य-पृथ्वी के बीच एक निश्चित दूरी से सौर मंडल का अध्ययन करेगा।
आदित्य एल-1 अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला पहला भारतीय स्पेसक्रॉफ्ट होगा। सूर्य की स्टडी करने के लिए पहला स्पेस बेस्ड भारतीय लैब है।
25 अगस्त, 2023 को इंट्रा-डे में कंपनी के शेयर 6 फीसदी से ज्यादा ऊपर गए और बीएसई पर 398 रुपए का जबरदस्त हाई लगाया। इस तेजी के चलते कंपनी का मार्केट कैपिटल 3,711 करोड़ के लेवल तक पहुंच गया है।
बुधवार को भारत ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग चंद्रमा की सतह पर कराकर इतिहास बनाया था। गुरुवार को इसरो ने विक्रम लैंडर से रोवर के बाहर निकलने का वीडियो शेयर किया था।
इसरो अपने पीएसएलवी रॉकेट से 2 सितंबर को आदित्य एल 1 (Aditya L1) लॉन्च करेगा। 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर यह अपनी कक्षा में पहुंचेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह बेंगलुरु स्थित इसरो के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर जाकर मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। वह हाथ जोड़कर इसरो की महिला वैज्ञानिकों के पास पहुंचे।