सार

ब्रिटेन में पहली बार पालतू जानवरों के लिए लैब में मांस तैयार किया गया है। मीटली नामक स्टार्टअप ने पौधों और चिकन कोशिकाओं से यह मांस बनाया है। यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर विकल्प हो सकता है।

Lab Grown Meat: दुनिया में पहली बार ऐसा हुआ है कि बिना किसी जानवर को मारे इंसान अपने पालतू जानवरों को मांस खिला सकता है। इसकी शुरुआत ब्रिटेन में हुई है। यहां के लोग कुत्ते और बिल्ली जैसे मांसाहारी पालतू जानवर के लिए लैब में विकसित किया गया मांस खरीद सकते हैं। इस मांस को Meatly नाम की लंदन स्थित स्टार्टअप ने तैयार किया है। इसमें पौधों पर आधारित तत्व और 4% चिकन मांस होता है।

कैसे लैब में तैयार किया मांस?

लैब में मांस जानवरों की कोशिकाओं के एक छोटे से नमूने को इकट्ठा करके उगाया जाता है। इस मामले में एक मुर्गी के अंडे से कोशिकाएं ली जाती हैं। उन्हें पानी और पोषक तत्वों के साथ बायोरिएक्टर नाम के स्टील टैंक में कल्चर किया जाता है। कुछ ही सप्ताह में मांस तैयार हो जाता है। इसका अधिकतर हिस्सा प्रोटीन होता है। इस तरह मांस तैयार करना जिंदा जानवर पालने की तुलना में आसान बताया गया है। कहा गया है कि इससे पर्यावरण पर कम असर पड़ता है। जमीन और पानी की कम जरूरत होती है और कार्बन उत्सर्जन भी कम होता है। इस तरह मांस पैदा करने से जिंदा मुर्गी को मारने की जरूरत नहीं रहती।

2022 में मीटली की स्थापना करने वाले ओवेन एन्सर ने कहा, "यह पहली बार है जब कोई व्यक्ति अपने पालतू जानवरों के लिए लैब में उगाए गए मांस से बने प्रोडक्ट खरीद सकता है। हमारा इरादा हमेशा से पेट फूड के लिए लैब में उगाए गए मांस का इस्तेमाल करना था। पालतू जानवरों की दुनिया में इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है। दुनिया भर में 20% मांस पालतू जानवर खाते हैं। औसत लैब्राडोर अपने मालिक से ज्यादा मांस खाता है।"

क्या अब इंसानों के लिए भी लैब में तैयार होगा मांस?

यू.के. के शेफील्ड यूनिवर्सिटी में बायोमैनुफैक्चरिंग के प्रोफेसर और नेशनल अल्टरनेटिव प्रोटीन इनोवेशन सेंटर के उप निदेशक टक सेंग वोंग ने कहा है कि लैब में मांस तैयार करने की टेक्नोलॉजी में काफी प्रगति हुई है। कुल मांस खपत का एक चौथाई हिस्सा पालतू जानवर खाते हैं। पालतू जानवरों के भोजन के उत्पादन के लिए एक वैकल्पिक विधि विकसित करना जरूरी है। इससे उनके लिए फूड सिक्योरिटी तय होगी। जैसे-जैसे तकनीक विकसित होगी पशु कोशिकाओं को विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कल्चर मीडिया अधिक सस्ता और पर्यावरण अनुकूल होगा।

यह भी पढ़ें- बिग ईटर युका किनोशिता ने खाने की दुनिया से लिया संन्यास

मीटली के संस्थापक ओवेन एन्सर ने कहा, "पालतू जानवरों के लिए बनाए गए मांस से लोग प्रयोगशाला में उगाए गए मांस से परिचित होंगे। हमारा लक्ष्य इंसानों के खाने के लिए भी मांस बनाना है। यूके फूड स्टैंडर्ड एजेंसी इस समय लैब में बने मांस के लिए अनुमोदन प्रक्रिया तय करने के लिए 2 साल की परियोजना पर काम कर रही है। हमें उस प्रक्रिया का हिस्सा बनने की उम्मीद है। हमारे प्रोडक्ट में सब कुछ इंसानों के लिए सुरक्षित है। इजाजत मिलने पर हम लोगों तक टिकाऊ, स्वस्थ और बिना जानवरों के मारे मिलने वाला मांस पहुंचाना चाहेंगे।"