सार

अमेरिकी पर्यावरण कार्यकर्ता जूलिया बटरफ्लाई ने पेड़ों की कटाई के विरोध में 738 दिन एक पेड़ पर बिताए। 1997 में कैलिफ़ोर्निया में 'लूना' नाम के रेडवुड पेड़ पर उनका अनोखा प्रदर्शन दुनिया भर में चर्चा का विषय बना।

कई तरह के विरोध प्रदर्शन हमने देखे होंगे, लेकिन अमेरिकी पर्यावरण कार्यकर्ता जूलिया बटरफ्लाई का विरोध प्रदर्शन सबसे अलग था। पेड़ों की कटाई के विरोध में जूलिया ने कई दिनों तक एक पेड़ पर टेंट लगाकर जीवन बिताया। जूलिया ने 738 दिनों तक पेड़ पर रहकर अपना विरोध जताया। 1997 में जूलिया का यह अनोखा प्रदर्शन दुनिया भर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। जूलिया कैलिफ़ोर्निया के एक 1000 साल पुराने रेडवुड पेड़ पर रही। पैसिफिक लंबर नामक एक लकड़ी काटने वाली कंपनी द्वारा पेड़ों को काटने की योजना के विरोध में, जूलिया ने उसी पेड़ पर घर बनाकर रहने का फैसला किया।

10 दिसंबर 1997 को, जूलिया ने 200 फीट ऊंचे रेडवुड पेड़ पर रहना शुरू किया। कड़ाके की ठंड, बारिश और 40 मील प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं का सामना करते हुए जूलिया ने यह संघर्ष किया। एक हफ्ते का विरोध प्रदर्शन अंततः 738 दिनों के ऐतिहासिक आंदोलन में बदल गया। जूलिया ने उस पेड़ का नाम 'लूना' रखा था।

स्वयंसेवक जूलिया को नियमित रूप से पानी, भोजन और अन्य आवश्यक चीजें पहुंचाते रहे। इससे जूलिया को पेड़ पर बने रहने में मदद मिली। अंततः, वनों की कटाई और गैर-टिकाऊ लकड़ी कटाई के तरीकों के खिलाफ जूलिया का संघर्ष राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया। पेड़ पर रहने के दौरान जूलिया को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहीं। उन्होंने रेडियो पर इंटरव्यू दिए और जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया से बात की।

पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर मीडिया और जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए, जूलिया ने कानून तोड़कर 738 दिनों तक लूना पर निवास किया। अंततः, दिसंबर 1999 में, पैसिफिक लंबर कंपनी 200 फीट के बफर जोन में सभी पेड़ों की रक्षा करने के लिए सहमत हुई। जूलिया के विरोध प्रदर्शन ने दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया। इस ऐतिहासिक घटना के बाद, जूलिया एक प्रमुख पर्यावरण कार्यकर्ता और लेखिका बन गईं।

जूलिया का जन्म 1974 में हुआ था। उनका असली नाम जूलिया लॉरेन हिल है। एक बार जब जूलिया अपने परिवार के साथ कहीं जा रही थीं, तो एक तितली आकर उनकी उंगली पर बैठ गई। जब तक वे अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच गईं, तब तक तितली उनकी उंगली पर ही बैठी रही। इसके बाद ही जूलिया को 'बटरफ्लाई' उपनाम मिला।